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मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार के बीच इंदौर से दिल्ली के लिए निकले ज्योतिरादित्य सिंधिया

अपने प्रस्तावित कार्यक्रम से एक दिन पहले ही बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल का तीन दिवसीय दौरा अधूरा छोड़कर दिल्ली के लिए निकल गए हैं।

Jyotiraditya Scindia flies to Delhi amid Cabinet reshuffle buzz- India TV Hindi Image Source : PTI अपने प्रस्तावित कार्यक्रम से एक दिन पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश से दिल्ली के लिए निकल गए हैं।

इंदौर: अपने प्रस्तावित कार्यक्रम से एक दिन पहले ही बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल का तीन दिवसीय दौरा अधूरा छोड़कर दिल्ली के लिए निकल गए हैं। खबरों के अनुसार सिंधिया को मोदी कैबिनेट में शामिल होने के लिए बुलावा आया है। नजदीकी धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे पहुंचे सिंधिया से मिलने के लिए स्थानीय बीजेपी नेता और कार्यकर्ता पहले से हवाई अड्डे पर जमा थे। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हवाई अड्डे पर नारेबाजी की। इस दौरान राज्यसभा सदस्य अपने हाथ जोड़कर समर्थकों का अभिवादन करते देखे गए। कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में मंत्री रह चुके सिंधिया ने संवाददाताओं से कहा, "मेरा उज्जैन का दौरा समाप्त हो गया है और अब मैं दिल्ली जा रहा हूं। मैं अगले हफ्ते लौटूंगा।" 

उन्होंने हालांकि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने की अटकलों पर औपचारिक रूप से चुप्पी बरकरार रखी और कहा कि उन्हें इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। सिंधिया ने मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल का तीन दिवसीय दौरा रविवार से शुरू किया था और मूल कार्यक्रम के मुताबिक उन्हें बुधवार सुबह 09:15 बजे इंदौर से दिल्ली रवाना होना था। सिंधिया के दौरा कार्यक्रम में परिवर्तन को मोदी मंत्रिपरिषद के विस्तार की अटकलों से जोड़कर देखा जा रहा है। 

इस बीच, केंद्रीय मंत्रिपरिषद में सिंधिया के शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा, "अगर उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जा रहा है, तो उन्हें बहुत बधाई।"

बता दें कि सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार का मार्च 2020 में पतन हो गया था। इसके तत्काल बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा सूबे की सत्ता में लौट आई थी।

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