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Hindi News भारत राजनीति चुनाव हारने के बाद भी ग्वालियर में चलती है ‘महाराज की सरकार’, न जाने किस हैसियत से लेते हैं जिला प्रशासन की बैठक

चुनाव हारने के बाद भी ग्वालियर में चलती है ‘महाराज की सरकार’, न जाने किस हैसियत से लेते हैं जिला प्रशासन की बैठक

ज्योतिरादित्य भले ही सरकार में मंत्री हो ना हो, लेकिन ‘श्रीमंत’ जब भी ग्वालियर का दौरा करते हैं तो बाकायदा प्रेस नोट में लिखा जाता है कि आज मुलाकात होगी कलेक्टर कार्यालय में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ।

Scindia- India TV Hindi Image Source : TWITTER बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया

ग्वालियर। लोकतंत्र में भले ही राजा महाराजाओं का दौर खत्म हो चुका है, लेकिन मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार में आज भी राजा महाराजाओं की चलती है। इस बात की तस्दीक करती है ग्वालियर में कलेक्टर की तरफ से बुलाई गई अधिकारियों की सरकारी बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी। ग्वालियर के सिंधिया घराने का राज-पाट चला गया, लोकसभा चुनाव में भी हार गए, लेकिन कमलनाथ सरकार के सामने ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद और रुतबा अब भी बरकरार है।  

ज्योतिरादित्य भले ही सरकार में मंत्री हो ना हो, लेकिन ‘श्रीमंत’ जब भी ग्वालियर का दौरा करते हैं तो बाकायदा प्रेस नोट में लिखा जाता है कि आज मुलाकात होगी कलेक्टर कार्यालय में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ। ग्वालियर पहुंचते ही ज्योतिरादित्य का स्वागत कार्यकर्ताओं के साथ कमलनाथ सरकार की मंत्री भी करते हैं, फिर वो पहुंचते हैं बैठक में।

जी हां, नेताओं की नहीं, कार्यकर्ताओं की नहीं, सरकारी अधिकारियों की  बैठक में...ये सवाल अलग है कि किस संवैधानिक हैसियत से श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया सरकारी अधिकारियों की बैठक लेते हैं। बैठक में गौर करने वाली बात ये थी कि सरकारी अधिकारियों की इस बैठक के मुखिया कलेक्टर हैं, लेकिन बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया की कुर्सी एकदम बीचों बीच ऐसे लगाई गई है जैसे सिंहासन हो। वहीं उनके सामने दरबारियों की तरह शासकीय अधिकारी बैठे हुए हैं।

ग्वालियर मे कलेक्टर की तरफ से बुलाई गई अधिकारियों की इसी सरकारी बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी पर अब बीजेपी सवाल खड़े करते हुए कह रही है कि मध्यप्रदेश में मजबूर कमलनाथ सरकार है, दिग्विजय सिंह के बाद अब ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सरकार में अपना दबदबा जाहिर करने में लगे हैं और सरकारी अफसर डरते हैं कि किसकी सुनें।

बीजेपी ने भले ही शासकीय बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया को बुलाने पर सवाल खड़े किए हैं लेकिन कांग्रेस को इसमे कुछ गलत नहीं लगता। कांग्रेस सरकार में मंत्री पीसी शर्मा ने तो यहां तक कह दिया कि सिंधिया ग्वालियर के महाराजा रह चुके हैं ऐसे में अगर बैठक में गए हैं तो क्या गलत किया।

हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है जब ज्योतिरादित्य सिंधिया की शासकीय अधिकारियों के साथ बैठक हुई हो। इससे पहले जुलाई 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया जब ग्वालियर पहुंचे थे तब स्थानीय प्रशासन के सभी आला अधिकारियों को जयविलास पैलेस में बुलवाया गया था जिसपर उस वक़्त भी सवाल खड़े हुए थे।

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