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Hindi News भारत राजनीति केरल बाढ़: पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा, राज्य सरकार की चूक के चलते सूबे में आया सैलाब

केरल बाढ़: पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा, राज्य सरकार की चूक के चलते सूबे में आया सैलाब

इसके साथ ही चांडी ने यह भी कहा कि यह त्रासदी को राजनीतिक रंग देने का समय नहीं है, फिर भी वह यह कहने के लिए मजबूर हैं।

Kerala government's glaring omission led to flood tragedy, says Former CM Oommen Chandy- India TV Hindi Kerala government's glaring omission led to flood tragedy, says Former CM Oommen Chandy | Facebook

तिरुवनंतपुरम: केरल में आई बाढ़ के ऊपर अब राजनीतिक आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है। इसी कड़ी में केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता ओमन चांडी ने कहा कि राज्य में भारी बारिश और बाढ़ के चलते हुई त्रासदी मौजूदा राज्य सरकार की स्थिति का अनुमान लगाने में सक्षम नहीं होने की कमी का नतीजा है। इसके साथ ही चांडी ने यह भी कहा कि यह त्रासदी को राजनीतिक रंग देने का समय नहीं है, फिर भी वह यह कहने के लिए मजबूर हैं, जिसका संकेत खुद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने दिया है।

चांडी ने कहा, ‘चूंकि मॉनसून का मौसम मई के अंत में शुरू हुआ था, इसलिए केरल के तीन हिस्सों में भारी बारिश हुई और इसके लिए बुनियादी योजना प्रक्रिया होनी चाहिए थी, लेकिन किसी कारण से ऐसा नहीं हुआ और इसलिए त्रासदी ने राज्य को बुरी तरह से प्रभावित किया।’ मानसून ने मई के आखिरी सप्ताह में दस्तक दी थी और अगस्त के दूसरे सप्ताह तक तीनों भागों में भारी बारिश हुई। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह भारी चूक तब हुई जब सरकार बारिश के स्वरूप के अनुसार काम करने में नाकाम रही। अंत में, यह कहना आसान है कि इसे इस तरह से किया जाना चाहिए था और इस तरह से नहीं, लेकिन यह उस स्थिति में है, जहां सारे आकलन गड़बड़ हो गए।’

राज्य के इतिहास में पहली बार, पिछले तीन महीनों के दौरान भारी बारिश के कारण 26 वर्षों के बाद इडुक्की बांध समेत 33 बांधों के द्वार खोलने पड़े। चांडी ने कहा कि चूंकि इडुक्की बांध को पहले नहीं खोला गया था और अधिकारी अंतिम मिनट तक इंतजार करते रहे। इसिलए, वे स्थिति सही से नहीं संभाल पाएं, जिसके चलते जान-माल का काफी नुकसान हुआ। बारिश और बाढ़ की घटनाओं में मरने वालों की संख्या अब 417 हो गई है। सैकड़ों लोगों ने राहत शिविरों से घर लौटना शुरू कर दिया है। कुल नुकसान करीब 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का होने का अनुमान है।

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