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कांग्रेस पार्टी की बैठक में नहीं पहुंचे कमलनाथ, अटकलों का बाजार गर्म

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर भी तमाम नेता नाखुश हैं और उनका कहना है कि वह दिसंबर में ही तीन राज्यों में मिली जीत को भुनाने में नाकामयाब रहे हैं। नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी ने गलत मुद्दों पर वक्त खराब किया।

<p>सीडब्ल्यूसी की बैठक...- India TV Hindi सीडब्ल्यूसी की बैठक से कमलनाथ नदारद, अटकलों का बाजार गर्म

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की समीक्षा के लिए शनिवार को यहां आयोजित कांग्रेस कार्यकारिणी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ अनुपस्थित रहे जिसे लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे पार्टी के ज्यादातर वरिष्ठ नेता मौजूद हैं।

बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद हैं। चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के मुख्यमंत्री को बैठक में आमंत्रित किया गया था।

बैठक में कांग्रेस की फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती- कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अपनी सत्ता को बचाए रखने, पर भी चर्चा हो सकती है, जहां सरकार को गिराने के प्रयास जारी हैं।

एक सूत्र ने बताया कि बैठक में हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में होने जा रहे विधानसभा चुनावों पर भी चर्चा हो सकती है। सीडब्ल्यूसी के 23 सदस्यों में हाल ही में हुए चुनाव में सिर्फ चार लोग- पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, गौरव गोगोई और ए. चेल्ला कुमार ही जीते हैं।

लोकसभा चुनाव में हारने वाले 12 अन्य सदस्यों में वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रघुवीर सिंह मीना, जितिन प्रसाद, दीपेंदर हुड्डा, सुष्मिता देव, के.एच. मुनियप्पा और अरुण यादव हैं।

सीडब्ल्यूसी के सात सदस्यों ने लोकसभा चुनावों में भाग नहीं लिया था। पार्टी ने कांग्रेस शासित पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया है।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र 52 सीटें मिलने के बाद से ही मंथन शुरू हो चुका है। यह संख्या पार्टी को पिछले लोकसभा में पार्टी को मिलीं 44 सीटों से मात्र आठ ज्यादा है।

कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी राज बब्बर, प्रचार समिति प्रमुख एच.के. पाटिल, ओडिशा पार्टी प्रमुख निरंजन पटनायक और अमेठी जिला अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर भी तमाम नेता नाखुश हैं और उनका कहना है कि वह दिसंबर में ही तीन राज्यों में मिली जीत को भुनाने में नाकामयाब रहे हैं। नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी ने गलत मुद्दों पर वक्त खराब किया। 

कुछ नेताओं का कहना है कि राहुल ने राफेल पर मोदी को घेरा तो पब्लिक की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी नहीं मिल रही थी, लेकिन वह लगातार इसी पर लगे रहे। इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि बालाकोट और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल उठाना भी कांग्रेस को भारी पड़ गया। 

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