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मीनाक्षी लेखी ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को बताया मवाली

विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली बता दिया है। उनकी तरफ से कहा गया है किसान सिर्फ बिचौलियों की मदद कर रहे हैं। 

Meenakshi Lekhi calls protesting farmers mawali- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली बता दिया है।

नई दिल्ली: विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली बता दिया है। उनकी तरफ से कहा गया है किसान सिर्फ बिचौलियों की मदद कर रहे हैं। मीनाक्षी लेखी ने प्रेस वार्ता में कहा, "वे किसान नहीं मवाली हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया।"

बता दें कि संसद में मानसून सत्र के बीच केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने मध्य दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। पुलिस ने मध्य दिल्ली के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी है और वाहनों की आवजाही पर कड़ी नजर रखी जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है। संसद भवन इससे कुछ ही मीटर की दूरी पर है। पुलिस की सुरक्षा के साथ 200 किसानों का एक समूह बसों में सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर पहुंचे। 

किसान यहां अपनी पहचान उगागर करने वाले बैज पहने और हाथ में अपनी यूनियनों के झंडे लिए हुए नजर आए। प्रदर्शन पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होना था, लेकिन किसान यहां 12 बजकर 25 मिनट पर पहुंचे। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने बताया कि रास्ते में पुलिस ने उन्हें तीन जगह रोका और उनके आधार कार्ड देखे। जंतर-मंतर पर किसानों ने नारेबाजी की और सरकार से तीनों कानून रद्द करने की मांग की। प्रदर्शन कर रहे किसान जंतर-मंतर के एक छोटे से हिस्से में मौजूद हैं और पुलिस ने दोनों ओर अवरोधक लगा रखे हैं। 

दिल्ली पुलिस के कई दल धरना स्थल की ओर जाने वाली सड़कों पर तैनात है, जबकि त्वरित कार्य बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक विशेष इकाई, ढाल और डंडों के साथ घटनास्थल पर मौजूद है। पानी की बौछारें करने के वाले टैंक वहां मौजूद हैं और मेटल डिटेक्टर गेट की व्यवस्था भी की गई है। पेयजल के दो टैंकर भी मौके पर मौजूद हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को इस बारे में एक शपथपत्र देने के लिए कहा गया है, जिसमें कहा जाए कि कोविड-19 के सभी नियमों का पालन किया जाएगा और आंदोलन शांतिपूर्ण होगा। 

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