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सोनिया गांधी की अध्यक्षता में विपक्षी दलों की बैठक, आर्थिक पैकेज को जनता के साथ क्रूर मजाक बताया

कोरोना वायरस लॉकडाउन और उसके बाद उपजे हालात पर चर्चा के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चल रही बैठक में 22 समान विचारधारा वाले दलों के नेता शामिल

सोनिया गांधी की अध्यक्षता में विपक्षी दलों की बैठक में 22 दलों के नेता शामिल- India TV Hindi Image Source : INDIA TV सोनिया गांधी की अध्यक्षता में विपक्षी दलों की बैठक में 22 दलों के नेता शामिल

नई दिल्ली: कोरोना वायरस लॉकडाउन और उसके बाद उपजे हालात पर चर्चा के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चल रही बैठक में 22 समान विचारधारा वाले दलों के नेता शामिल हुए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को जनता के साथ क्रूर मजाक करार दिया और आरोप लगाया कि सरकार संघवाद की भावना के खिलाफ काम कर रही है और सारी शक्तियां प्रधानमंत्री कार्यालय तक सीमित हो गई हैं।

इस बैठक में चर्चा की शुरुआत से पहले नेताओं ने दो मिनट का मौन रख ‘अम्फान’ चक्रवात के कारण मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। फिर एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इसे तत्काल राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए और पश्चिम बंगाल एवं ओडिशा को मदद दी जाए। बैठक में कांग्रेस समेत 22 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए, हालांकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी इस बैठक से दूर रहीं। सूत्रों के मुताबिक बैठक में श्रमिकों के मुद्दे पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। कुछ प्रदेशों में श्रम कानूनों में किए गए हालिया बदलावों को लेकर भी चर्चा हुई।

बैठक में सोनिया कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि सरकार लॉकडाउन के मापदंडों को लेकर निश्चित नहीं थी । उसके पास इससे बाहर निकलने की कोई रणनीति भी नहीं है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा करने और फिर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पांच दिनों तक इसका ब्यौरा रखे जाने के बाद यह एक क्रूर मजाक साबित हुआ। सोनिया के मुताबिक, हममें से कई समान विचारधारा वाली पार्टियां मांग कर चुकी हैं कि गरीबों के खातों में पैसे डाले जाएं, सभी परिवारों को मुफ्त राशन दिया जाए और घर जाने वाले प्रवासी श्रमिकों को बस एवं ट्रेन की सुविधा दी जाए। हमने यह मांग भी की थी कि कर्मचारियों एवं नियोजकों की सुरक्षा के लिए ‘वेतन सहायता कोष’ बनाया जाए। लेकिन हमारी गुहार को अनसुना कर दिया गया।

इस बैठक में कांग्रेस की तरफ सोनिया गांधी, राहुल गांधी, एके एंटनी, गुलाम नबी आज़ाद, अधीर रंजन चौधरी, मल्लिकार्जुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल, अहमद पटेल शामिल हुए।

इसके अलावा एचडी देवेगौड़ा (जेडीएस); ममता बनर्जी, डेरेक ओ'ब्रायन (एआईटीसी); शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल (राकांपा); स्टालिन (DMK); उद्धव बाल ठाकरे, संजय राउत (शिवसेना); सीताराम येचुरी (CPI-M); हेमंत सोरेन (जेएमएम); राजा (सीपीआई); शरद यादव (LJD); डॉ उमर अब्दुल्ला (नेकां); तेजस्वी यादव, मनोज झा (राजद); पीके कुन्हालीकुट्टी (IUML); जयंत चौधरी (RLD); उपेंद्र कुशवाहा (RLSP); बदरुद्दीन अजमल (AIUDF); जीतन राम मांझी (HAM); जोस के मणि (केसी-एम); एनके प्रेमचंद्रन (आरएसपी); राजू शेट्टी (स्वाभिमानी पक्ष); थोल थिरुमावलवन (वीसीके-टीएन); कोंडांडाराम (टीजेएस)  बैठक में शामिल हुए। (इनपुट-भाषा)

 

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