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Hindi News भारत राजनीति चुनाव नजदीक आने पर प्रधानमंत्री किसानों के खाते में रकम डालते हैं: NCP

चुनाव नजदीक आने पर प्रधानमंत्री किसानों के खाते में रकम डालते हैं: NCP

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्रीय योजना के तहत किसानों को अगली किस्त जारी करने के पहले राकांपा ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि चुनाव नजदीक देख किसानों के खाते में रकम भेजी जा रही है।

<p>Nawab Malik</p>- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Nawab Malik

मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्रीय योजना के तहत किसानों को अगली किस्त जारी करने के पहले राकांपा ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि चुनाव नजदीक देख किसानों के खाते में रकम भेजी जा रही है। महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि भाजपा किसानों की पार्टी नहीं बल्कि कृषि उपज को लूटने वालों की पार्टी है। पलटवार करते हुए महाराष्ट्र भाजपा ने कहा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने किसानों के हित में कई कदम उठाए हैं और आरोप लगाया कि राकांपा जब सत्ता में थी उसने किसानों की मदद नहीं की।

प्रधानमंत्री शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ (पीएम-किसान) के तहत वित्तीय लाभ की अगली किस्त जारी करेंगे। प्रधानमंत्री एक बटन दबाकर, नौ करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित करेंगे। आयोजन के दौरान,प्रधानमंत्री छह अलग-अलग राज्यों के किसानों के साथ बातचीत भी करेंगे। किसान ‘पीएम-किसान’ और किसानों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न अन्य कदमों के बारे में अपने अनुभवों को साझा करेंगे।

किसानों के खाते में रकम ऐसे समय भेजी जा रही है, जब दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर पिछले कई दिनों से हजारों किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। पीएम-किसान योजना के तहत, पात्र लाभार्थी किसानों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है। मलिक ने आरोप लगाया, ‘‘चुनाव नजदीक आने पर और गड़बड़ी भांपकर मोदी साहब किसानों के खाते में रकम जमा करने का काम शुरू कर देते हैं।’’ अगले साल के शुरुआती छह महीने में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और असम समेत छह राज्यों में विधानसभा का चुनाव होना है।

महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने मलिक पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी जब केंद्र में सत्ता में थी तो उसने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। उपाध्याय ने आरोप लगाया कि पवार जब मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार (2004-14) में केंद्रीय कृषि मंत्री थे तब देश में सबसे ज्यादा किसानों ने खुदकुशी की। उन्होंने कहा कि संप्रग के कार्यकाल के दौरान कृषि क्षेत्र की विकास दर में लगातार गिरावट आती गई।

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