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Hindi News भारत राजनीति Rafale Parliament debate: रक्षा मंत्री का करारा जबाव, कहा- 'कांग्रेस की नीयत जहाज खरीदने की नहीं थी, किसी डील के चक्कर में पड़े थे नेता'

Rafale Parliament debate: रक्षा मंत्री का करारा जबाव, कहा- 'कांग्रेस की नीयत जहाज खरीदने की नहीं थी, किसी डील के चक्कर में पड़े थे नेता'

राफेल डील को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच लोकसभा में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार का पक्ष रखते हुए कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला किया। रक्षा मंत्री ने आरोप लगाया कि HAL को लेकर कांग्रेस घड़ियाली आंसू बहाती है और राफेल विमान को लेकर उसकी मंशा ही साफ नहीं थी।

Nirmala sitharaman- India TV Hindi Nirmala sitharaman

नई दिल्ली: राफेल डील को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच संसद के शीतकालीन सत्र में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार का पक्ष रखते हुए कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला किया। रक्षामंत्री ने आरोप लगाया कि HAL को लेकर कांग्रेस घड़ियाली आंसू बहाती है और राफेल विमान को लेकर उसकी मंशा ही साफ नहीं थी। उन्होंने कहा कि खरीद संख्या को लेकर कांग्रेस पार्टी गुमराह कर रही है। हमने विमानों की संख्या बढ़ाकर 18 से 36 की। कांग्रेस 136 नहीं बल्कि 18 विमान खरीद रही थी। लोकसभा में उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार में रहते हुए कांग्रेस की मंशा विमान की खरीदने की नहीं थी, राष्ट्रीय सुरक्षा को जोखिम था, लेकिन वे विमान नहीं खरीदना चाहते थे। उन्होंने कहा कि सरकारों के बीच समझौते पर 23 सितंबर, 2016 को हस्ताक्षर किया गया। पहला विमान इस तिथि से तीन साल के भीतर यानी 2019 में आ जाएगा और शेष विमान 2022 तक आ जाएंगे।

वहीं राफेल पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि राफेल पर वो लोग सवाल कर रहे हैं जिनकी परिवार और पार्टी का इतिहास घोटालों से पटा हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कन्फ्यूज्ड नेता ने एएनआई की महिला पत्रकार पर सवाल उठाए जबकि उस पत्रकार ने प्रधानमंत्री मोदी से सभी जरूरी मुद्दे पर सवाल किए।

Rafale Parliament debate Highlights

- मुझे झूठी कहा गया, बोला गया कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण झूठ बोल रही है। पीएम को इस सदन में चोर बोला गया, अब सदन में नाम लेने से कुछ लोगों को दिक्कत हो रही हैः निर्मला सीतारमण
- ऑफसेट के लिए 2013 की यूपीए की पॉलिसी का ही पालन किया गया, हमने इसमें कोई बदलाव नहीं किया, ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट में किसी भी भारतीय निजी या सरकारी कंपनी का पहले से जिक्र नहीं: निर्मला सीतारमण
- मैं निर्मला सीतारमण और मनोहर पर्रिकर पर सवाल नहीं उठा रहा है, उनके करप्शन के मेरे पास सबूत नहीं है, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी करप्शन में शामिल रहेः राहुल गांधी
- HAL को हटाकर अनिल अंबानी की कंपनी को इस डील में कौन लेकर आयाः राहुल गांधी
- फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने बताया कि विमान की कीमत सीक्रेट पैक्ट का हिस्सा नहीं: राहुल गांधी
- मैं पर्रिकर को नहीं पीएम को आरोपी कहता हूं, प्रधानमंत्री सीधे तौर पर स्कैम में शामिल: राहुल गांधी
- फ्रांस के राष्ट्रपति से मेरी मुलाकात हुई थी, प्रधानमंत्री ने ओलांद को अंबानी का नाम दिया: राहुल गांधी
- लोकसभा में राफेल के मुद्दे पर राहुल गांधी बोल रहे हैं
- राफेल की कई देशों के लिए अनाधिकारिक कीमत की बात हो रही है, इन बातों में कोई सच्चाई नहीं है, मैंने ऑफसेट पार्टनर, कीमत और अन्य सभी सवालों के जवाब दिए हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही बात करनी होगी: निर्मला सीतारमण
- सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात को माना कि संवेदनशीलता के चलते एयरक्राप्ट के दाम को सार्वजनिक करना ठीक नहीं है, दाम का खुलासा करना सौदे की प्रक्रिया और शर्तों का उल्लंघन होता लेकिन कांग्रेस के लोग इस बात को समझ नहीं रहे हैं: निर्मला सीतारमण
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैराग्राफ 25 में कहा गया कि सरकार ने एयरक्राफ्ट की कीमत नहीं बताई क्योंकि यह संवेदनशील मुद्दा है। यह दो देशों के बीच हुए समझौते का उल्लंघन होता: निर्मला सीतारमण
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैराग्राफ 33 में कहा गया कि डील में सरकार की भूमिका कहीं भी ऐसी नहीं दिख रही कि सरकार ने किसी को कमर्शल फायदा पहुंचाने की कोशिश की है: निर्मला सीतारमण
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैराग्राफ 34 में कहा गया कि सभी तथ्यों की जांच के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि डील में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है। किसी का व्यक्तिगत धारणा के आधार जांच नहीं की जा सकती है: सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को पढ़ते हुए रक्षा मंत्री ने कहा
- कांग्रेस के एक सांसद ने एयर चीफ को भी झूठ कहा, मोदी के खिलाफ कांग्रेस सांसद पाक से मदद मांगते हैं: निर्मला सीतारमण
- राफेल सौदे के लिए कुल 74 बैठकें की गई उसके बाद जाकर सौदा फाइनल हुआ, सुप्रीम कोर्ट हमारी सरकार की राफेल डील से संतुष्ट: निर्मला सीतारमण
- राफेल का बेसिक दाम 670 करोड़ बताया जा चुका है, 9 फीसदी कम कीमत पर हमने विमान का सौदा किया: निर्मला सीतारमण
- 526 करोड़ की तुलना 1600 करोड़ से करना सेब की तुलना संतरे से करने जैसा है: निर्मला सीतारमण
- कांग्रेस राफेल विमानों की कीमत प्रति विमान 526 करोड़ किस आधार पर बता रही है? कांग्रेस हर बार राफेल के अलग-अलग दाम बताती हैः निर्मला सीतारमण
-आपने एयरफोर्स चीफ को झूठा बोला, आपने प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री के लिए भी यही कहा। कांग्रेस के सीनियर नेता जो इस सदन के सदस्य भी हैं
-यह पूरा कैंपेन भ्रामक है और झूठ की बुनियाद पर खड़ा है। मैं जब भी जवाब देने के लिए प्रस्तुत हुई, इन्होंने कभी सुनना नहीं चाहा
-राहुल गांधी ने कहा, 'मैं चेयर का सम्मान करता हूं और मैं चाहता हूं कि रक्षा मंत्री के आरोपों का जवाब देने के लिए मुझे मौका दें।'
-हमें अपने पड़ोसी मुल्कों से खतरा है और हमें क्षेत्र में शांति रखनी होगी। इसके लिए अपनी सेना को मजबूती देने की भी जरूरत है ताकि हमारी सीमाएं सुरक्षित हो सकें
-आपको कुछ नहीं मिला तो डील ने सूट नहीं किया। कमिशन नहीं मिला तो आपने डील ही नहीं की। देश की सुरक्षा समझौता किया
-यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और कांग्रेस ने सिर्फ बातचीत करने में ही 8 साल निकाल दिए
-दरअसल, यूपीए चाहती ही नहीं थी कि रक्षा सौदा हो। अगर यूपीए वाली डील होती तो विमान आने में 11 सालों का समय लग जाता
-मैं आपको बताना चाहती हूं कि रक्षा सौदा और रक्षा में सौदेबाजी में फर्क होता है। हमारी सरकार ने देश की सुरक्षा से समझौता नहीं किया। हमने डील में तेजी दिखाई
-पहला विमान सितंबर, 2019 में दे दिया जाएगा, और 36 विमान वर्ष 2022 में दिए जाएंगे। सौदेबाज़ी की प्रक्रिया 14 महीने में पूरी कर ली गई थी
-आखिर कांग्रेस 2014 तक इस डील को पूरा क्यों नहीं कर पाई? यूपीए को बताना चाहिए कि वे अपनी कार्यकाल में राफेल का एक भी विमान क्यों नहीं ला सके
-चीन ने अपनी सेना में 4 हजार के करीब विमानों को जोड़ा, लेकिन कांग्रेस ने अपने शासनकाल के दौरान क्या किया? आखिर जिन 126 विमानों का जिक्र करते हैं वे कहां हैं?
-भारत हमेशा शांति चाहता है और कभी युद्ध की पहल नहीं करता है। लेकिन हमारे पड़ोस में इस तरह की माहौल नहीं है, ऐसे में हमारा तैयार रहना जरूरी है
-रक्षा मंत्री जैसे ही जवाब देने के लिए खड़ी हुई विपक्ष के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया जिसके बाद वे नाराज होकर बैठ गईं। बाद में स्पीकर के आग्रह पर दोबारा बोलने के लिए खड़ी हुईं
-रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण राफेल डील पर विपक्ष के सवालों का जवाब दे रही हैं

राहुल गांधी के एक ट्वीट ने इस लड़ाई में आग में घी का काम किया है। इस ट्वीट में राहुल ने सीधे पीएम से सवाल किया है। हालांकि ये वही सवाल हैं जो राहुल पिछले तीन-चार महीनों से पूछ रहे हैं। राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘’पीएम मोदी का संसद में राफेल डील पर ओपन बुक एग्जाम है। उनके लिए एडवांस में एग्जाम में आने वाले सवाल यहां हैं....सवाल नंबर 1-एयरफोर्स को 126 एयरक्राफ्ट की जरूरत थी, तो 36 एयरक्राफ्ट ही क्यों खरीदे गए? सवाल नंबर 2-560 करोड़ की जगह एक एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए 1600 करोड़ रुपये क्यों खर्च किए गए? और सवाल नंबर 4-HAL के बजाय AA (अनिल अंबानी) को क्यों चुना गया?

इन सवालों के साथ राहुल ने ये भी पूछ लिया कि सवालों के जवाब देने के लिए पीएम खुद आएंगे या फिर से किसी प्रॉक्सी को भेज देंगे लेकिन राहुल के इस ट्वीट में एक मजेदार बात है। राहुल ने अपने ट्वीट में बात चार सवालों की पर सवाल तीसरे की जगह चौथा सवाल दे दिया। ट्वीट से गायब तीसरे सवाल पर विरोधियों ने राहुल को घेरना शुरू कर दिया।

तीसरे सवाल पर विवाद बढ़ा तो राहुल गांधी फिर से ट्विटर पर लिखा, ‘’मैंने तीसरे सवाल को रोक लिया था, क्योंकि मैडम स्पीकर ने कहा था कि गोवा टेप के बारे में कोई बात नहीं होगी लेकिन तीसरा सवाल राफेल की तरह ही विवादित बन गया। अब लोगों की मांग पर तीसरा सवाल भी दे रहा हूं....सवाल नंबर 3 - मोदी जी, कृप्या बताएं क्यों पर्रिकर जी ने अपने बेडरूम में राफेल की फाइल रखी है और उसमें क्या है? रक्षा मंत्री आज राफेल पर सदन में जवाब दे सकती हैं।

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