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Hindi News भारत राजनीति ‘कुछ नाराजगी के बावजूद’ गुजरात चुनाव में भाजपा अच्छा प्रदर्शन करेगी: राम माधव

‘कुछ नाराजगी के बावजूद’ गुजरात चुनाव में भाजपा अच्छा प्रदर्शन करेगी: राम माधव

‘‘दिल्ली में कुछ बुद्धिजीवी भाजपा के लिये समर्थन’’ से डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवियों के लिये एक नया शब्द ‘डेमोफोबिया’ आरक्षित रखा गया है। डेमोफोबिया--एक तरह का डर है जिसमें बुद्धिजीवी लोगों से डरते हैं।"

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नयी दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने इस बात को लेकर विश्वास जताया कि उनकी पार्टी गुजरात में पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि ‘कुछ नाराजगी’ के बावजूद लोगों ने नोटबंदी और जीएसटी को लागू किये जाने का समर्थन किया है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए दो कदमों को ‘परिवर्तनकारी’ बताया और कहा कि ‘‘कोई भी बदलाव बिना दर्द के नहीं होता है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को पिछले साल नवंबर में उच्च मूल्य के नोटों को अचानक बंद करने और इस साल जुलाई में माल एवं सेवा कर :जीएसटी: को लागू करने से लोगों को हुई कठिनाई के बारे में पता है। उन्होंने हालांकि कहा कि देश की ‘बुनियादी अर्थव्यवस्था को दुरुस्त’ करने के लिये इस तरह के कदम की आवश्यकता थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछली बार के मुकाबले इस बार बेहतर अंतर से जीत दर्ज करेंगे। कुछ पत्रकारों ने मुझसे कहा है कि लोगों के बीच कुछ नाराजगी के बावजूद वे :लोग: भाजपा का समर्थन करेंगे। आधा गुस्सा पत्रकारों का है। आपके परिवार में कोई आपसे नाराज नहीं होता है। वे जुड़ाव की वजह से नाराज होते हैं।’’ दिल्ली विश्वविद्यालय में नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट :एनडीटीएफ: द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ‘विजन इंडिया-न्यू इंडिया’ विषय पर अपने भाषण में उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को जमीनी स्तर पर लोगों का समर्थन हासिल है क्योंकि लोग समझते हैं कि केंद्र सरकार ‘‘देश के लिये अच्छा कर रही है।’’

किसी का भी नाम लिये बिना माधव ने कहा, ‘‘दिल्ली में कुछ बुद्धिजीवी भाजपा के लिये समर्थन’’ से डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवियों के लिये एक नया शब्द ‘डेमोफोबिया’ आरक्षित रखा गया है। डेमोफोबिया--एक तरह का डर है जिसमें बुद्धिजीवी लोगों से डरते हैं। उन्होंने लोगों से भारत के विकास में हिस्सेदार बनने और स्वच्छ भारत मिशन जैसे सरकार के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की अपील की।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी कहा करते थे कि भारत को राजनैतिक स्वतंत्रता मिल गई है, लेकिन आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता अब भी नहीं मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘गोरे लोग तो गए, हमारे गोरे आ गए। मैं नस्ली संदर्भ में नहीं कह रहा हूं। कृपया मुझे गलत नहीं समझें क्योंकि कोई टुकड़ों में दिखाएगा कि मैंने नस्ली बयान दिया है।’’ उन्होंने दावा किया कि जवाहर लाल नेहरू ने 1956 में एक यूरोपीय पत्रकार को दिये गए साक्षात्कार में कहा था, ‘‘भारत पर राज करने वाला मैं आखिरी ब्रिटिश हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड के अंग्रेज चले गए । वह राजनैतिक स्वतंत्रता थी, लेकिन क्या हमने सामाजिक संदर्भों में वास्तविक स्वतंत्रता हासिल की है।’’ उन्होंने कहा कि गांधी ने लोगों के लिये आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता हासिल करने के लिये आंदोलन का सपना देखा था। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर 2022 तक गरीबी, भ्रष्टाचार से मुक्त नया भारत बनाने का संकल्प जताया है।

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