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Hindi News भारत राजनीति ‘भगवान इंद्र का सिंहासन मिले तब भी शिवसेना भाजपा के साथ नहीं आएगी’

‘भगवान इंद्र का सिंहासन मिले तब भी शिवसेना भाजपा के साथ नहीं आएगी’

चुनावी नतीजों के करीब 30 दिन बाद महाराष्ट्र में आखिरकार सरकार का फाइनल फॉर्मूला सामने आ गया है। शिवसेना के साथ कांग्रेस और एनसीपी की साझा सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर सकते हैं।

‘भगवान इंद्र का सिंहासन मिले तब भी शिवसेना भाजपा के साथ नहीं आएगी’- India TV Hindi ‘भगवान इंद्र का सिंहासन मिले तब भी शिवसेना भाजपा के साथ नहीं आएगी’

मुंबई: चुनावी नतीजों के करीब 30 दिन बाद महाराष्ट्र में आखिरकार सरकार का फाइनल फॉर्मूला सामने आ गया है। शिवसेना के साथ कांग्रेस और एनसीपी की साझा सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर सकते हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि 5 साल तक शिवसेना का ही सीएम रहेगा और शिवसेना के सीएम पर सबकी सहमति है। उन्होंने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि शिवसेना को भगवान इंद्र के सिंहासन का प्रस्ताव मिले तब भी वह उसके साथ नहीं आएगी। 

राउत ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ वाला त्रिदलीय गठबंधन जब सत्ता में आएगा तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद उनकी पार्टी को ही मिलेगा। अटकलें थी कि बीजेपी मुख्यमंत्री पद शिवसेना के साथ साझा करने को तैयार है। 

इस बारे में सवाल पर राउत ने कहा, ‘‘प्रस्तावों के लिए वक्त अब खत्म हो चुका है। महाराष्ट्र की जनता शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहती है।’’ यह पूछे जाने पर क्या तीनों गैर बीजेपी दल शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात करेंगे, इस पर राउत ने कहा, ‘‘जब राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है तो ऐसे में राज्यपाल से मुलाकात क्यों करेंगे।’’

सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र में जो फॉर्मूला बना है उसके अनुसार उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री होंगे। सूत्र ये भी बता रहे हैं कि गठबंधन सरकार में दो डिप्टी सीएम होंगे। एनसीपी से अजीत पवार और कांग्रेस के कोटे से महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोराट उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं। 

बताया जा रहा है कि शिवसेना को सीएम पद के अलावा 15 मंत्री पद मिलेंगे जबकि एनसीपी के कोटे में भी 15 मंत्री पद और कांग्रेस के 12 मंत्री बन सकते हैं। एनसीपी को गृह, वित्त, बिजली, जैसे मंत्रालय आ सकते है जबकि शिवसेना कोटे मे शहरी विकास, स्वास्थ्य, कृषि, सामान्य प्रशासन और ग्रामीण विकास जैसे मंत्रालय आ सकते हैं। वहीं कांग्रेस को राजस्व, शिक्षा और आदिवासी विकास जैसे मंत्रालय मिल सकते हैं।

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