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BHU में छात्राओं पर लाठीचार्ज: 'बेटी बचाओ का स्थान बेटी पिटवाओ ने ले लिया है'

बनारस स्थित काशी हिन्दू विश्विद्यालय में कथित छेड़खानी के विरोध में प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर कल पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की घटना की नेताओं सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने जमकर आलोचना की है।

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नई दिल्ली: बनारस स्थित काशी हिन्दू विश्विद्यालय में कथित छेड़खानी के विरोध में प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर कल पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की घटना की नेताओं सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने जमकर आलोचना की है। बता दें कि बनारस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लोकसभा क्षेत्र है।

जदयू नेता शरद यादव ने ट्वीट किया है, बीएचयू के छात्रों और लड़कियों पर लाठी निंदनीय है क्योंकि यह अभिव्यक्ति और भाषण की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाना है, यह पहले कभी नहीं हुआ। यादव ने इस संबंध में एक बयान भी जारी किया है। उन्होंने कहा है, बीएचयू में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। यह संविधान प्रदत भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, हम मुद्दे को संसद में उठाएंगे.... लोकतंत्र में यह अस्वीकार्य है और सरकार को माफी मांगनी चाहिए।

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया है, प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र में नारा बेटी बचाओ का स्थान बेटी पिटवाओ ने ले लिया है। मोदी जी क्या यही नया भारत है..

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है, सिर्फ एक बर्बर सरकार ही लाठियों से लैस पुरूष पुलिसकर्मियों का छात्राओं के खिलाफ इस्तेमाल करती है। भाजपा-आरएसएस विद्यार्थियों से इतने डरे हुए क्यों हैं? उन्होंने लिखा है, मोदी कहते हैं बेटी बचाओ। हमें नहीं मालूम था, इसका अर्थ उसकी सरकार की क्रूरताओं से महिलाओं को बचाना है। वह भी उनके अपने लोकसभा क्षेत्र में।

भाकपा माले के पोलित ब्यूरो की सदस्य कविता कृष्णन ने ट्वीट किया है, बीएचयू में यौन उत्पीड़न के खिलाफ और जीएससीएएसएच की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर लाठी चार्ज। वाह रे बेटी बचाओ।

स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेन्द्र यादव ने ट्वीट किया है, मैं भेदभाव पूर्ण नियमों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही छात्राओं के साथ हूं। यादव इस संबंध में एक फेसबुक लाइव भी कर रहे हैं।

काशी हिन्दू विश्विद्यालय में बृहस्पतिवार को हुई कथित छेड़खानी के विरोध में धरना प्रदर्शन के बाद बीती रात पूरा परिसर छावनी में तब्दील हो गया। शनिवार की रात कुलपति आवास के पास पहुंचे छात्र और छात्राओं पर विश्विद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने लाठीचार्ज कर दिया जिसमें कुछ विद्यार्थी घायल हो गए। छात्राओं का कहना है कि पुलिस ने उन पर भी लाठीचार्ज किया। इसके बाद छात्रों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिय। सभी विद्यार्थी संस्थान में बृहस्पतिवार को हुई कथित छेड़खानी के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे थे।

विश्विद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि कुलपति ने हालात के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से विश्विद्यालय को 2 अक्टूबर तक बंद रखने का आदेश दिया है। उन्होंने घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन भी किया है। उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी अराजक तत्व हैं जो छात्राओं को आगे कर संस्थान की गरिमा को धूमिल करना चाहते हैं।

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