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Hindi News भारत राजनीति सच को दबा रही है योगी आदित्यनाथ सरकार, राष्ट्रपति शासन लगाया जाए: जयंत चौधरी

सच को दबा रही है योगी आदित्यनाथ सरकार, राष्ट्रपति शासन लगाया जाए: जयंत चौधरी

जयंत चौधरी ने कहा कि लखीमपुर तक पहुंचना बहुत मुश्किल काम था क्योंकि योगी ने पूरी सरकारी मशीनरी को विपक्ष के प्रयास को विफल करने में लगा दिया था।

Jayant Chaudhary, Jayant Chaudhary Lakhimpur, Lakhimpur Violence, Jayant Chaudhary Narendra Modi- India TV Hindi Image Source : PTI राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की पैरवी की है।

नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की पैरवी करते हुए मंगलवार को कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार के तहत पूरी सरकारी मशीनरी लखीमपुर खीरी में हुई घटना से जुड़े सच को दबाने की कोशिश कर रही है और विपक्ष को रोकने के लिए कठोरता बरत रही है। चौधरी का कहना है कि उन्हें लखीमपुर के पीड़ित किसानों के परिवारों से मिलने के लिए वहां तक पहुंचने के लिए छिप-छिपाकर जाना पड़ा।

‘लखीमपुर तक पहुंचना बहुत मुश्किल काम था’
उन्होंने कहा, ‘लखीमपुर तक पहुंचना बहुत मुश्किल काम था क्योंकि योगी ने पूरी सरकारी मशीनरी को विपक्ष के प्रयास को विफल करने में लगा दिया था। सरकार और पार्टी में फर्क होना चाहिए जो उत्तर प्रदेश में नहीं है। ऐसा लगता है कि जिला अधिकारी से लेकर पुलिस तक, सबने भाजपा की सदस्यता ले ली हो।’ RLD नेता के अनुसार, उन्हें दिल्ली से लखीमपुर तक पहुंचने के लिए 13 घंटे का समय लगा और वहां पर उन्होंने हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों से मुलाकात की।

‘अब भी कई नेताओं को रोके रखा गया है’
बता दें कि प्रशासन ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कई अन्य विपक्षी नेताओं को लखनऊ एवं निकट के इलाकों में ही रोक दिया और लखीमपुर खीरी तक नहीं पहुंचने दिया। चौधरी ने कहा, ‘अगर आपको राजनीतिक प्रक्रिया में विश्वास नहीं है तो इसका क्या मतलब हुआ? अगर उनको राजनीतिक आवाज में विश्वास नहीं है तो वे चुनाव क्यों लड़ते हैं? आप देखिए, अब भी कई नेताओं को रोके रखा गया है। ये शर्मनाक घटनाएं हैं और प्रशासन के कठोर रवैये को दिखाती हैं।’

‘लखीमपुर खीरी में थी किसानों समेत 8 लोगों की मौत’
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उप मुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जयंती चौधरी ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की कुछ विपक्षी दलों की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाने के कुछ आधार होते हैं और उत्तर प्रदेश में ये आधार मौजूद हैं।

‘यह जानबूझकर किया गया अपराध है’
चौधरी ने आरोप लगाया, ‘गृह विभाग की जिम्मेदारी संभालने वाले मंत्री ने किसानों का मुकाबला करने के लिए अपने समर्थकों को उकसाया। इसके बाद उसके बेटे ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी। यह जानबूझकर किया गया अपराध है और यह सुनियोजित भी था।’ उनके मुताबिक, किसानों ने उन्हें बताया कि गाड़ी के अगले हिस्से में बल्लियां बांधी गईं थी जिससे किसान नीचे गिरें और ज्यादा चपेट में आएं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह इस दावे को सत्यापित नहीं कर सकते। चौधरी ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की ओर से किसी भी व्यक्ति ने किसानें की मौत पर सामने आकर कुछ नहीं कहा।

‘पुलिस का व्यवहार संसदीय विशेषाधिकार का हनन’
प्रियंका गांधी वाद्रा और दीपेंद्र हुड्डा को हिरासत में लिए जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से दोनों नेताओं के साथ ‘धक्कामुक्की’ की गई, वह हैरान करने वाला है। उन्होंने राज्यसभा सदस्य हुड्डा का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस का व्यवहार संसदीय विशेषाधिकार का हनन है। चौधरी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की घोषणा करनी चाहिए तथा इस पर अफसोस जताना चाहिए कि किसान 10 महीनों से सड़कों पर बैठे हुए हैं।

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