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Hindi News भारत राजनीति 'खुद भी बेवकूफ हैं और दूसरे को बेवकूफ बनाते हैं', संजय सिंह के बयान पर बिफरे जीतन राम मांझी

'खुद भी बेवकूफ हैं और दूसरे को बेवकूफ बनाते हैं', संजय सिंह के बयान पर बिफरे जीतन राम मांझी

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि संजय सिंह खुद भी बेवकूफ हैं और दूसरों को बेवकूफ बना रहे हैं।

जीतन राम मांझी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा- India TV Hindi Image Source : एएनआई जीतन राम मांझी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा

नई दिल्ली : महिला आरक्षण बिल पर जहां लोकसभा में बहस जारी है वहीं इस बिल पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। एनडीए के घटक दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी ने आम आदमी पार्टी के संजय सिंह के बयान पर कहा कि वे खुद भी बेवकूफ हैं और दूसरों को बेवकूफ बनाते हैं। दरअसल, संजय सिंह ने महिला आरक्षण बिल को महिला बेवकूफ बनाओ बिल करार दिया था। 

महिलाओं के प्रति सम्मान को दर्शाता है यह बिल

जीतन राम मांझी ने कहा कि यह बिल 2023 में इसलिए आया क्योंकि कोरोना के कारण देश 2 साल तक पाबंदियां झेलता रहा।  यह बिल उनकी (सरकार की) स्पष्टता और महिलाओं के प्रति सम्मान को दर्शाता है। प्रक्रिया यह है कि इसे राज्यों की विधानसभाओं में पारित किया जाना चाहिए। जनगणना और परिसीमन होना चाहिए। यह एक दिन में कैसे हो सकता है। अगर वह (संजय सिंह) कह रहे हैं कि यह 2024 से पहले आना चाहिए, तो यह उनकी बेवकूफी है।

समर्थन के लिए जेडीयू का धन्यवाद

मांझी ने यह उम्मीद जताई कि यह बिल पारित होगा। नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल यूनाइटेड ने भी इसका समर्थन किया है, इसके लिए उन्हें धन्यवाद। जीतन राम मांझी ने कहा कि राबड़ी देवी से मैं यही कहना चाहता हूं कि वे पति-पत्नी 15 साल (शासन में) थे, उन्होंने महिला आरक्षण के लिए क्या किया था?

सर्वसम्मति से बिल पास कराने का आग्रह

इससे पहले केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बुधवार को लोकसभा में सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे महिलाओं के आरक्षण से संबंधित ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को सर्वसम्मति से पारित करें। मेघवाल ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ को सदन में चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए यह भी कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के समय राज्यसभा से पारित हुआ महिला आरक्षण विधेयक 2014 में लोकसभा भंग होने के साथ निष्प्रभावी हो गया था। 

अतीत में हुए प्रयासों का भी किया उल्लेख

मेघवाल का कहना था कि नरेन्द्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद से सामाजिक और आर्थिक समानता को लेकर कई योजनाएं लागू की गईं। विधि मंत्री ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण विधेयक है। महिला सशक्तीकरण की दिशा में बढ़ता कदम है। दुनिया को दिशा दिखाने वाला विधेयक है।’ उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से महिलाओं की प्रतिष्ठा बढ़ेगी और अवसर की समानता भी बढ़ेगी। मेघवाल ने महिला आरक्षण को लेकर अतीत की सरकारों में हुए प्रयासों का भी उल्लेख किया। 

उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2010 में राज्यसभा में जब विधेयक पारित हुआ था तो भाजपा ने खुले मन से समर्थन किया था।’ मंत्री के अनुसार, ‘जब यह विधेयक लोकसभा में आया तो यह सदन की संपत्ति हो गया था। इसके बाद तत्कालीन सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए निचले सदन में नहीं लेकर आई। वर्ष 2014 में लोकसभा भंग होने के साथ ही यह विधेयक निष्प्रभावी हो गया।’ उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि वे ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को सर्वसम्मति से पारित करें। (इनपुट-एजेंसी)

 

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