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साल के पहले ही दिन झारखंड की राजनीति में भूचाल, JMM विधायक ने दिया इस्तीफा

झारखंड की गांडेय विधानसभा सीट से विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया है। एक अधिसूचना के जरिए उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिए जाने की जानकारी मिली है। उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया है, इसे लेकर अभी भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

JMM विधायक सरफराज अहमद ने दिया इस्तीफा।- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA JMM विधायक सरफराज अहमद ने दिया इस्तीफा।

रांची: साल के पहले ही दिन झारखंड की राजनीति में भूचाल ला देने वाली खबर सामने आई है। यहां झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सरफराज अहमद ने राज्य की विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि सरफराज अहमद के इस्तीफे की चर्चा काफी लंबे समय से चल रही थी। माना जा रहा था कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सरफराज अहमद कई दिनों से नाराज चल रहे थे। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सरफराज ने किस बात को लेकर अपना इस्तीफा सौंपा है। सरफराज अहमद ने अभी तक इस्तीफा देने का कारण स्पष्ट नहीं किया है।

अधिसूचना जारी कर दी गई जानकारी

आज सोमवार को झारखंड में सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सरफराज अहमद ने राज्य विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। सोमवार को जारी एक अधिसूचना में इस बात की जानकारी दी गई। बता दें कि राज्य की गांडेय विधानसभा सीट से झामुमो विधायक डॉक्टर सरफराज अहमद के इस्तीफा देने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि "जनता को सूचित किया जा रहा है कि झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष ने गांडेय से विधायक सरफराज अहमद का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। यह निर्वाचन क्षेत्र 31 दिसंबर, 2023 से रिक्त है।" 

झारखंड सरकार में नहीं बन सके मंत्री

बता दें कि झारखंड में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं सरफराज अहमद पार्टी छोड़ भी सकते हैं। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-झामुमो गठबंधन के दौरान जब सीटों का बंटवारा किया गया तो सरफराज अहमद को गांडेय विधानसभा सीट मिली। इस सीट से चुनाव लड़कर उन्होंने जीत भी हासिल की। हालांकि सरफराज अहमद को मंत्री बनने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। उनकी जगह हाजी हुसैन अंसारी को अल्पसंख्यक कोटे से मंत्री बना दिया गया था। वहीं अब हाजी हुसैन के निधन के बाद उनके बेटे हफीजुल अंसारी को मंत्री बना दिया गया।

(इनपुट: भाषा)

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