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Hindi News भारत राजनीति RJD को भारी पड़ेगी मनोज झा की 'ठाकुर' वाली कविता! अपने ही विधायक ने खोल दिया मोर्चा

RJD को भारी पड़ेगी मनोज झा की 'ठाकुर' वाली कविता! अपने ही विधायक ने खोल दिया मोर्चा

राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद मनोज झा द्वारा संसद में विशेष सत्र के दौरान कही गई ‘ठाकुर की कुआं’ कविता उन्हीं की पार्टी के विधायक चेतन आनंद को रास नहीं आई है।

Manoj Jha Thakur Poem, Chetan Anand- India TV Hindi Image Source : FILE RJD सांसद मनोज झा और विधायक चेतन आनंद।

पटना: बिहार की सियासत में इन दिनों जबरदस्त उठक-बैठक देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां सियासी गलियारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पल-पल बदलते मूड की चर्चा हैं, वहीं दूसरी तरफ RJD के नेता आपस में ही एक-दूसरे पर जुबानी तीर छोड़ रहे हैं। JDU में 2 दिन पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और मंत्री अशोक चौधरी के बीच बहस की चर्चा अभी थमी भी नहीं थी कि RJD के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा और विधायक चेतन आनंद आमने-सामने नजर आ रहे हैं।

‘मनोज झा के बयान का पुरजोर विरोध’
पूर्व सांसद आनंद मोहन के पुत्र और RJD विधायक चेतन आनंद ने अपनी ही पार्टी के सांसद मनोज कुमार झा के संसद में दिए गए एक बयान को लेकर खरी-खरी सुना दी। संसद के विशेष सत्र के दौरान मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मिकी की ‘ठाकुर का कुआं’ नाम की कविता का पाठ किया था। चेतन आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साफ लहजे में कहा कि अभद्र टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करूंगा। साथ ही उन्होंने हैशटैग से यह भी जता दिया है कि वह अपनी ही पार्टी के सांसद मनोज झा के बयान का ‘पुरजोर विरोध’ करते हैं।


‘...हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे’
चेतन आनंद ने मनोज कुमार झा के बयान पर निशाना साधते हुए लिखा कि ‘हम ठाकुर हैं! सबको साथ लेकर चलते हैं! समाजवाद में किसी एक जाति को टार्गेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलेपन के अलावा कुछ नहीं। जब हम दूसरों के बारे में गलत नहीं सुन सकते तो अपने (ठाकुरों) पर अभद्र टिप्पणी बिल्कुल नहीं बर्दाश्त करेंगे। माननीय संसद मनोज झा के विचारों का पुरजोर विरोध।’ बता दें कि मनोज झा के बयान ने सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा बटोरी थी और कई लोग उनकी बात का विरोध करते नजर आए थे।

बिहार की सियासत में मची है उथल-पुथल
RJD के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता मनोज झा ने संसद के विशेष सत्र के दौरान राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर अपनी बात रखते हुए ओमप्रकाश वाल्मीकि की वह कविता पढ़ी थी। बता दें कि बिहार की सियासत में इन दिनों कब क्या हो जाए, पक्के तौर पर कोई कुछ कह नहीं सकता विपक्षी दलों के नए गठबंधन I.N.D.I.A. में जहां मनमाफिक भूमिक न मिलने की वजह से नीतीश नाराज बताए जा रहे हैं, वहीं बतौर मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ताजपोशी में देरी से RJD समर्थकों का सब्र भी जवाब देता लग रहा है।

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