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Hindi News भारत राजनीति सूत्रों का दावा- अधीर रंजन चौधरी ने जताई थी 'एक देश-एक चुनाव' की समिति में अपने नाम पर सहमति

सूत्रों का दावा- अधीर रंजन चौधरी ने जताई थी 'एक देश-एक चुनाव' की समिति में अपने नाम पर सहमति

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी इस समिति में गृह मंत्री अमित शाह और लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कुल आठ लोगों को जगह दी गई थी।

one country one election- India TV Hindi Image Source : FILE अधीर रंजन चौधरी

नई दिल्ली: शनिवार को केंद्र सरकार ने देश भर में एक साथ चुनाव के मुद्दे को लेकर एक आठ सदस्यीय समिति का गठन किया। इस समिति का अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी का भी नाम शामिल था। लेकिन केंद्रीय कानून मंत्रालय के द्वारा अधिसूचना जारी करते ही अधीर रंजन ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया।

अधीर रंजन चौधरी ने अपने नाम पर जताई थी सहमति- सूत्र 

वहीं अब समाचार एजेंसी ANI ने बताया है कि एक सरकारी सूत्र के दावा किया है कि इस समिति के ऐलान से पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपने नाम पर सहमति दर्ज कराई थी, लेकिन अधिसूचना जारी होने के बाद उन्होंने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया। उन्होंने गृह मंत्री को एक पत्र लिखकर इस समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था। 

उन्होंने लिखा, "मुझे उस कमेटी में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है, जिसकी शर्तें इसके परिणामों की गारंटी के लिए तैयार की गई हैं। मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है।" उन्होंने लिखा कि इस तरह का प्रयास देश के संविधान के साथ धोखा है और उसे अपमानित करने वाला है। उन्होंने कहा कि इस कमिटी में राज्यसभा में मौजूदा नेता प्रतिपक्ष कि जगह पूर्व नेता प्रतिपक्ष को जगह देना संसदीय व्यवस्था और लोकतंत्र का अपमान है। ऐसी स्थिति में मेरे पास आपके निमंत्रण को अस्वीकार करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी है समिति 

बता दें कि इससे पहले शनिवार शाम को केंद्रीय कानून मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करते हुए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में समिति का ऐलान किया था। इस समिति में गृह मंत्री अमित शाह, लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ-साथ राज्यसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, भूतपूर्व अध्यक्ष 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष रहे एन के सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी कश्यप, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी को भी जगह दी गई थी।  

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