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Hindi News भारत राजनीति मोदी-पुतिन शिखर वार्ता में कई समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं भारत और रूस

मोदी-पुतिन शिखर वार्ता में कई समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं भारत और रूस

पुतिन सोमवार को दिल्ली पहुंचेंगे जबकि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोयगू रविवार रात को पहुंच रहे हैं।

Vladimir Putin, Vladimir Putin Narendra Modi, Modi Putin Meeting, Russia India Talks- India TV Hindi Image Source : PTI प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सोमवार को शिखर वार्ता होगी।

Highlights

  • प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन 21वीं भारत-रूस शिखर वार्ता से पहले बैठक करेंगे।
  • प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन शाम 5.30 बजे शिखर वार्ता शुरू करेंगे।
  • एक सूत्र ने बताया, ‘6 दिसंबर पूरी तरह से रूसी दिवस होगा।’

नयी दिल्ली: भारत और रूस के सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर वार्ता में रक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा और तकनीक के अहम क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने की संभावना है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। शिखर वार्ता के साथ ही पहली ‘टू प्लस टू’ रक्षा और विदेश मंत्री स्तरीय वार्ता में दोनों पक्षों के अफगानिस्तान में स्थिति और लश्कर-ए-तैयबा तथा जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों समेत आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर भी बातचीत करने की संभावना है।

व्लादिमीर पुतिन सोमवार को दिल्ली पहुंचेंगे
ऐसा बताया जा रहा है कि शिखर वार्ता के बाद जारी होने वाले संयुक्त बयान में सीमा पार आतंकवाद और अफगान संकट के कारण सुरक्षा पर पड़ने वाले असर को लेकर भारत की चिंताओं को व्यक्त किया जा सकता है। पुतिन सोमवार को दिल्ली पहुंचेंगे जबकि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोयगू रविवार रात को पहुंच रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन शाम 5.30 बजे शिखर वार्ता शुरू करेंगे और रूसी नेता रात 9.30 बजे दिल्ली से उड़ान भरेंगे।

अगले दशक की रूपरेखा तय करने की भी संभावना
शिखर वार्ता के मद्देनजर भारत ने अमेठी के कोरवा में 5 लाख से अधिक एके-203 असॉल्ट राइफल्स के विनिर्माण के लिए करीब 5,000 करोड़ रुपये के लंबित एके 203 कलाश्निकोव राइफल्स समझौते को मंजूरी दे दी है। दोनों पक्षों के साजोसामान सहयोग समझौते के लिए बातचीत के अंतिम चरण को भी पूरा करने की संभावना है। इस समझौते पर शिखर वार्ता या ‘टू प्लस टू’ वार्ता में हस्ताक्षर हो सकते हैं। भारत और रूस के प्रौद्योगिक और विज्ञान पर संयुक्त आयोग की घोषणा करने के अलाव शिखर वार्ता में सैन्य-तकनीकी सहयोग के लिए अगले दशक की रूपरेखा तय करने की भी संभावना है।

पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर भी बता सकते हैं रुख
दोनों पक्ष भारतीय सशस्त्र सेनाओं के लिए 200 दोहरे इंजन वाले कामोव-226टी हल्के हेलीकॉप्टर के संयुक्त उत्पादन के लिए लंबित परियोजना पर विचार विमर्श करने के अलावा कई रक्षा खरीद प्रस्तावों पर भी बातचीत कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, भारत, रूस को विभिन्न क्षेत्रीय घटनाक्रम पर अपनी चिंताओं के साथ ही पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर अपना रुख भी बता सकता है। उन्होंने बताया कि रूस में कोविड-19 के मौजूदा हालात के बावजूद राष्ट्रपति पुतिन का भारत की यात्रा करने का फैसला यह दिखाता है कि वह भारत के साथ संबंध को कितनी महत्ता देते हैं।

‘6 दिसंबर पूरी तरह से रूसी दिवस होगा’
एक के बाद एक महत्वपूर्ण बैठकों का हवाला देते हुए एक सूत्र ने बताया, ‘6 दिसंबर पूरी तरह से रूसी दिवस होगा।’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने रूसी समकक्ष शोयगू के साथ बातचीत करेंगे। इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस के विदेश मंत्री लावरोव के साथ बातचीत करेंगे। इसके बाद दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री रात 11.30 बजे ‘टू प्लस टू’ वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन 21वीं भारत-रूस शिखर वार्ता से पहले बैठक करेंगे। रूसी नेता के लिए रात्रि भोज का आयोजन किया जाएगा।

कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे
सूत्रों ने बताया कि व्यापार, ऊर्जा, संस्कृति, रक्षा और तकनीक समेत विभिन्न क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। एक अन्य सूत्र ने बताया, ‘वैश्विक भू-राजनीतिक बदलावों के अलावा रूस के साथ हमारे संबंध बहुत स्थिर हैं।’ रक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष सैन्य उपकरण और मंचों के सह-उत्पादन और सह-विकास पर ध्यान केंद्रित करेंगे। निवेश संबंधों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 2018 में 30 अरब डॉलर का लक्ष्य पहले ही पूरा कर लिया गया और अब 2025 तक 50 अरब डॉलर का लक्ष्य है।

पिछले साल नहीं हो पाई थी शिखर वार्ता
सूत्रों ने बताया कि भारत रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र के साथ व्यापार संबंध बढ़ाने का भी इच्छुक है और इस क्षेत्र के 11 गवर्नर्स को आगामी वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया है। आखिरी भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता सितंबर 2019 में हुई थी जब मोदी व्लादिवोस्तोक गए थे। पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण शिखर वार्ता नहीं हो सकी थी।

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