"यात्रियों को परेशान करने की इजाजत नहीं दी जाएगी", इंडिगो संकट पर नागरिक उड्डयन मंत्री का बयान; विपक्ष का हंगामा
इंडिगो संकट पर लोकसभा में बोलते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कंपनी के खिलाफ कड़ी जाएगी।

नई दिल्लीः इंडिगो संकट पर केंद्र सरकार सख्त हो गई है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने लोकसभा में मंगलवार को कहा कि किसी भी एयरलाइन को, चाहे वह कितनी भी बड़ी क्यों न हो, यात्रियों को परेशानी पैदा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। मंत्री ने बताया कि DGCA ने इंडिगो के सीनियर लीडरशिप को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और विस्तृत जांच की जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हालात अब सामान्य हो रहे हैंः मंत्री
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने सदन को बताया कि इंडिगो की दिक्कतें अब ठीक हो रही हैं। बाकी सभी एयरलाइंस पूरे देश में सुचारू रूप से चल रही हैं। देश भर के एयरपोर्ट पर हालात सामान्य हैं, कहीं भी भीड़ या परेशानी नहीं है। रिफंड, बैगेज ट्रेसिंग और यात्रियों को सपोर्ट देने के उपाय मंत्रालय की देखरेख में हैं।
इंडिगो संकट पर लोकसभा में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि फ्लाइट ऑपरेशन तेजी से सामान्य हो रहे हैं। इंडिगो को जवाबदेह ठहराया जा रहा है। यात्रियों की सुविधा और गरिमा की रक्षा की जा रही है और भारत के एविएशन सेक्टर को और अधिक यात्री-केंद्रित बनाने के लिए लंबे समय के उपाय किए जा रहे हैं..।
राज्यसभा में भी कही ये बात
इससे पहले राज्यसभा में मंत्री ने कहा था कि यात्रियों को जो दिक्कतें आ रही हैं, वे एयरलाइन के इंटरनल क्रू रोस्टरिंग और ऑपरेशनल प्लानिंग से जुड़ी हैं, न कि एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस और शेड्यूलिंग सिस्टम (AMSS) से। एविएशन मिनिस्टर ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यात्रियों की सेफ्टी से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
लोकसभा से विपक्ष ने किया वॉकआउट
इंडिगो संकेट नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू के बयान के बाद विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा से वॉकआउट किया। मंत्री के बयान पर विपक्ष ने जोरदार गंभीर भी किया।
सिविल एविएशन मंत्रालय भी सख्त
वहीं, इंडिगो में चल रहे ऑपरेशनल संकट की वजह से कई एयरपोर्ट पर बड़े पैमाने पर दिक्कतों के बीच सिविल एविएशन मंत्रालय ने सीनियर अधिकारियों को देश भर के बड़े एयरपोर्ट पर ऑन-ग्राउंड इंस्पेक्शन करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय के मुताबिक, डिप्टी सेक्रेटरी, डायरेक्टर और जॉइंट सेक्रेटरी लेवल के अधिकारियों को एयरपोर्ट पर जाकर पूरी स्थिति का रिव्यू करने और यात्रियों को हो रही दिक्कतों का अंदाज़ा लगाने का आदेश दिया गया है। मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, गुवाहाटी, गोवा और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर विशेष ध्यान रखने को कहा गया है।
इनपुट- एएनआई