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Hindi News भारत राजनीति Aap Ki Adalat: संविधान बदलने की बात पर चिराग ने लालू के परिवार का क्यों दिया उदाहरण? जानें क्या दिया जवाब

Aap Ki Adalat: संविधान बदलने की बात पर चिराग ने लालू के परिवार का क्यों दिया उदाहरण? जानें क्या दिया जवाब

आप की अदालत में लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान ने India Tv के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का खुलकर जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष की ओर से लगातार संविधान बदलने के आरोप लगाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब भी दिया।

आप की अदालत में चिराग पासवान।- India TV Hindi Image Source : INDIA TV आप की अदालत में चिराग पासवान।

Aap Ki Adalat: इंडिया टीवी के चर्चित शो 'आप की अदालत' में लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान ने कई विषयों पर खुलकर बात की। वहीं आप की अदालत में India Tv के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का भी उन्होंने सामना किया। इस दौरान चिराग पासवान ने संविधान बदलने के आरोपों को लेकर पूछे गए सवालों का भी जवाब दिया। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह बाबा साहब का बनाया हुआ संविधान है। कोई मजाक थोड़ी है। इस डर को फैलाने वाले लोग कौन हैं? जिन्होंने संविधान का गलत इस्तेमाल करके देश में आपातकाल लगाने का काम किया।

"कोई मजाक थोड़ी है"

लालू प्रसाद के इस बयान पर कि अगर नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने तो संविधान खत्म कर देंगे और आरक्षण समाप्त कर देंगे, चिराग पासवान ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि "(मोदी) ऐसा क्यों करेंगे? कोई भी ऐसा क्यों करेगा? जरूरत क्या है? किस वजह से संविधान को खत्म किया जाएगा या बदला जाएगा। जो व्यक्ति इसी संविधान की वजह से गुजरात के मुख्यमंत्री रहे, दो-दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे, तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, वह संविधान को क्यों बदलेंगे? यह बाबा साहब का बनाया हुआ संविधान है। कोई मजाक थोड़ी है।" 

"डर फैलाने वाले लोग कौन हैं"

चिराग पासवान ने लालू प्रसाद यादव का ही जिक्र करते हुए कहा कि "इस डर को फैलाने वाले लोग कौन हैं? जिन्होंने संविधान का गलत इस्तेमाल करके देश में आपातकाल लगाने का काम किया। जो लोग आज लोकतंत्र की हत्या की बात करते हैं, जो लोग बोलते हैं कि देश में लोकतंत्र समाप्त हो जाएगा, तो इमरजेंसी में क्या हुआ था? आदरणीय लालू जी ने तो परिवार के बच्चों के नाम आपातकाल की धाराओं (जैसे कि मीसा) के आधार पर रखे थे। यह सिर्फ भ्रम फैलाने की आदत है। 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों में भी एक बयान को पकड़कर कि आरक्षण समाप्त हो जाएगा, एक ऐसा हो हल्ला मचा दिया गया कि पूरा चुनाव उस दिशा में चला गया। तबसे 10 साल बीत चुके हैं।"

यहां देखें आप की अदालत का पूरा शो-

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