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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश बिकरू कांड: 37 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश, 8 की हो सकती है सेवा समाप्ति

बिकरू कांड: 37 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश, 8 की हो सकती है सेवा समाप्ति

उत्‍तर प्रदेश सरकार ने राज्‍य के पुलिस महानिदेशक को विशेष जांच दल (SIT) की सिफारिश के आधार पर कानपुर के बिकरू कांड में 37 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

Bikru Encounter, Bikru Encounter Vikas Dubey, Vikas Dubey, Vikas Dubey Police- India TV Hindi Image Source : PTI FILE बिकरू कांड मामले में फॉरेन्सिक जांच करते हुए अधिकारी।

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश सरकार ने राज्‍य के पुलिस महानिदेशक को विशेष जांच दल (SIT) की सिफारिश के आधार पर कानपुर के बिकरू कांड में 37 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। राज्य के गृह सचिव तरुण गाबा ने SIT की रिपोर्ट के आधार पर पिछले दिनों पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक कानपुर को 37 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। इसमें वृहद दंड (सेवा समाप्‍त) और लघु दंड (पदावनति) की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। 

इन 8 पुलिसकर्मियों की सेवा हो सकती है समाप्त
बिकरू गांव के गैंगस्‍टर विकास दुबे से संबंधों के आरोप में 8 पुलिसकर्मियों की सेवा समाप्‍त, 6 पुलिसकर्मियों की पदावनति और 23 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाही जल्‍द शुरू हो सकती है। प्रशासन ने जिन 8 पुलिस अधिकारियों की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए हैं, उनमें कानपुर के चौबेपुर थाने में तैनात पूर्व थानाध्‍यक्ष विनय तिवारी (अब जेल में निरूद्ध), पूर्व में चौबेपुर में तैनात पुलिस उपनिरीक्षक अजहर इशरत, कृष्‍ण कुमार शर्मा, कुंवर पाल सिंह, विश्‍वनाथ मिश्रा, लखनऊ के कृष्‍णानगर में तैनात उपनिरीक्षक अवनीश कुमार सिंह, चौबेपुर में तैनात रहे आरक्षी अभिषेक कुमार और रिक्रूट आरक्षी राजीव कुमार का नाम शामिल है।

6 पुलिसकर्मियो का होगा डिमोशन
शासन से पदावनति के लिए जिन पुलिसकर्मियों का नाम प्रस्‍तावित किया गया है, उनमें बजरिया के निरीक्षक राममूर्ति यादव, लखनऊ कृष्‍णानगर के पूर्व निरीक्षक अंजनी कुमार पांडेय, उपनिरीक्षक चौबेपुर दीवान सिंह, मुख्‍य आरक्षी लायक सिंह, आरक्षी विकास कुमार और कुंवर पाल सिंह शामिल हैं। इसके अलावा शासन ने 23 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाही के निर्देश दिए हैं। सरकार ने कानपुर में पुलिस प्रमुख रह चुके IPS अधिकारी अनंत देव को गैंगस्‍टर विकास दुबे से साठगांठ के आरोप में पिछले हफ्ते सस्पेंड कर दिया था। अपर मुख्‍य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्‍थी ने कहा कि अनंत देव को SIT की रिपोर्ट के आधार पर निलंबित किया गया है।

जानें, क्या हुआ था 2 जुलाई की रात
बता दें कि 2 जुलाई की रात को जब बिकरू गांव में पुलिस विकास दुबे को पकड़ने पहुंची थी, तो उसने अपने साथियों के साथ छतों से गोलियां बरसाकर 8 पुलिस‍कर्मियों की हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार, इस घटना के बाद 10 जुलाई को उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद कानपुर वापस लाए जाने के दौरान जब विकास दुबे ने भागने की कोशिश की, तो उसे मुठभेड़ में मार दिया गया था। सरकार ने इसके बाद पुलिस कर्मियों और गैंगस्‍टर के बीच साठ-गांठ की जांच के लिए तीन सदस्‍यीय एसआईटी का गठन किया था। SIT ने बीते दिनों राज्‍य सरकार को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें पुलिस कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।

‘पुलिसकर्मी करते थे मुखबिरी’
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिसकर्मी विकास दुबे के लिए कथित रूप से मुखबिरी करते थे और पुलिस जब भी छापेमारी के लिए पहुंचती थी, तो उसे बता देते थे। SIT ने विकास दुबे के मोबाइल फोन के पिछले एक वर्ष तक के रिकार्ड खंगाले, तो पता चला कि कई पुलिसकर्मी उसके नियमित संपर्क में थे। सरकार ने 11 जुलाई को अपर मुख्‍य सचिव स्‍तर के अधिकारी संजय भूस रेड्डी के नेतृत्‍व में SIT का गठन किया था जिसमें ADG हरीराम शर्मा और DIG जे. रवींद्र गौड़ शामिल थे। SIT को पहले 31 जुलाई तक रिपोर्ट देनी थी, लेकिन सरकार ने बाद में समय सीमा बढ़ा दी थी।

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