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राज्यसभा चुनाव: सपा, कांग्रेस और रालोद पर निर्भर है BSP उम्मीदवार की जीत

आंकड़ों के हिसाब से देखे तो 403 सदस्यों वाली उप्र विधानसभा में बसपा के 19 सदस्य है...

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के उम्मीदवार को कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल के वोट मिलने तो पक्के है। साथ ही समाजवादी पार्टी के अतिरिक्त वोट भी मिलना लगभग तय है।

आंकड़ों के हिसाब से देखे तो 403 सदस्यों वाली उप्र विधानसभा में बसपा के 19 सदस्य है। अगर उसे सपा के 10 अतिरिक्त प्रथम वरीयता के वोट, कांग्रेस के सात और रालोद का एक वोट मिल जाए तो वह 37 वोट पाकर अपने राज्यसभा के उम्मीदवार को आसानी से जिता सकती है।

सपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ''अपनी प्रत्याशी जया बच्चन के लिए पर्याप्त वोटों का इंतजाम करने के बाद भी 10 वोट बचेंगे जो कि बसपा प्रत्याशी को दिए जा सकते हैं।'' सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा, '' इस बारे में कोई भी फैसला पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव जल्द ही लेंगे। हम सांप्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए हर तरह से तैयार हैं।''

रालोद प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा, ''हमने पहले ही राज्यसभा में बसपा को और विधान परिषद में समाजवादी प्रत्याशी को समर्थन करने का फैसला कर लिया है।'' कांग्रेस विधायक दल के नेता अजय सिंह लल्लू ने बताया कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हुए सलाह मशविरे के बाद तय किया गया कि हम चुनाव में बसपा उम्मीदवार को वोट देंगे। उन्होंने कहा, ''हमने सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष ताकतों से हाथ मिलाने का फैसला किया है। हमने बसपा उम्मीदवार को मत देना तय किया है।''

सपा, कांग्रेस के बीच हुए समझौते के मुताबिक उनकी पार्टी मध्यप्रदेश में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी को इस शर्त पर समर्थन करेंगी जब उसके सभी सात विधायक उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव में उनके प्रत्याशी को समर्थन करते हैं।

बसपा के पास 19 विधायक हैं। उसे अपना उम्मीदवार जिताने के लिए 18 और मतों की आवश्यकता होगी। बसपा ने भीमराव आंबेडकर को प्रत्याशी बनाया है। सपा के पास 47 विधायक हैं और उसने जया बच्चन को प्रत्याशी बनाया है। जया बच्चन को आवश्यक मत पड़ने के बाद भी सपा के पास दस अतिरिक्त वोट बचेंगे। कांग्रेस के सात और रालोद का एक वोट जुड़ गए तो बसपा उम्मीदवार जीतने की स्थिति में होगा।

उप्र राज्यसभा की दस सीटों के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 12 मार्च है और अगर जरूरत पड़ी तो 23 मार्च को चुनाव होगा। 403 सदस्यों वाली उप्र विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगियों के पास 324 सीटें हैं। अभी हाल ही में भाजपा के नूरपूर के विधायक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। समाजवादी पार्टी के 47, बसपा के 19, कांग्रेस के सात और रालोद का एक विधायक है।

उप्र भाजपा के नेता जेपीएस राठौड़ के मुताबिक राज्यसभा में एक प्रत्याशी को जीतने के लिए 37 प्रथम वरीयता के वोटों की जरूरत होती है। अगर गणित के हिसाब से देखे तो 10 में से आठ सीटे पार्टी आसानी से जीत सकती है।

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