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उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 332 पहुंची, 176 तबलीगी जमात से जुड़े

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 332 पहुंच चुकी है। इनमें से कुल 176 तबलीगी जमात से है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे मिले 24 नए मरीजों में से 12 मामले भी तबलीगी जमात से संबंधित है।

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 332 पहुंच चुकी है। इनमें से कुल 176 तबलीगी जमात से है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे मिले 24 नए मरीजों में से 12 मामले भी तबलीगी जमात से संबंधित है। उत्तर प्रदेश के 37 जिले कोरोना वायरस से संक्रमित है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के 31 से अधिक इलाकों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है, जिससे क्षेत्रों में कोई भी आवाजाही नहीं हो पा रही है। जिन इलाकों को सील किया गया है, ये वो इलाके हैं जहां पिछले 48 घंटों में कोरोनावायरस पॉजिटिव केस पाए गए हैं। रायबरेली जिले में दिल्ली से लौटे दो तब्लीगी जमातियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सोमवार को यहां के दस इलाकों को सील कर दिया गया था।

रायबरेली के पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगाई ने सोमवार को बताया था कि नगर कोतवाली क्षेत्र में 200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और निजामुद्दीन मरकज से लौटे दो जमातियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। ये दोनों एक 'धर्मशाला' में रह रहे थे। उन्होंने कहा कि अग्निशमन दल और स्वास्थ्य कर्मचारी लगातार इन क्षेत्रों की सफाई कर रहे हैं। इसी तरह, सीतापुर जिले के खैराबाद को भी सोमवार को सील कर दिया। यहां सादिक नाम के व्यक्ति के स्वामित्व वाले घर में 8 बांग्लाादेशी रह रहे थे। यहां एक का कोविड-19 परीक्षण पॉजिटिव आया था।

लखनऊ के पूरे सदर बाजार क्षेत्र को शुक्रवार शाम सील कर दिया गया था। यहां एक मस्जिद में तब्लीगी जमात के 12 सदस्य पाए गए जिनमें से 11 का इस घातक वायरस के लिए परीक्षण पॉजिटिव आया था। सील किए गए सदर बाजार के निवासी रमेश भसीन ने आईएएनएस को फोन पर बताया कि उन्हें अपने दरवाजे पर खड़े होने या खिड़कियों के माध्यम से पड़ोसियों से बात करने की भी अनुमति नहीं दी जा रही है।

वाराणसी में चार इलाकों को भी सील कर दिया गया है। इनमें मदनपुरा, बजरडीहा, गंगापुर और लोहता शामिल हैं। इसके अलावा प्रतापगढ़, हाथरस, गाजीपुर, आजमगढ़ और कानपुर के विभिन्न इलाकों को भी सील कर दिया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "सभी सील हुए क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है और संक्रमण को रोकने के लिए यह किसी भी तरह के मूवमेंट को रोक दिया गया है।"

यह पूछे जाने पर कि लॉकडाउन अवधि में इलाकों को सील करने की जरूरत क्योिं पडी तो पुलिस अधिकारी ने बताया, "लॉकडाउन में, आवाजाही पर प्रतिबंध होता है, आपात स्थिति होने पर ही लोग बाहर जा सकते हैं। लेकिन जब हम किसी क्षेत्र को सील करते हैं, तो वहां किसी को भी घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है और आपात स्थिति होने पर हम उनके पास पहुंचते हैं।"

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कानून और व्यवस्था, पी.वी. रामसस्त्रि ने कहा कि जिला पुलिस प्रमुखों और दो पुलिस आयुक्तों को एक निर्देश जारी किया गया है, जिसमें किसी भी स्थिति के प्रभावी संचालन के लिए एक रैपिड एक्शन टीम (आरएटी) और राज्य में कोरोना फैलने के कारण उत्पन्न हुई किसी भी स्थिति में अन्य विभागों के साथ समन्वय के लिए एक नोडल कोरोना सेल की स्थापना करने को कहा गया है। उन्होंने कहा, "एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जिसमें अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों के अनुसार जोखिम वाले क्षेत्रों से निपटने का एक उचित तरीका बताया गया है, उसे भी सभी जिलों के साथ साझा किया गया है।" उन्होंने कहा कि किसी भी ऑपरेशन को शुरू करने के लिए जरूरी उपकरण राज्य के सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को उपलब्ध कराए गए हैं।

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