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महाराष्ट्र से बहराइच आये हजारों कामगारों ने बढ़ायी Coronavirus की दहशत

बहराइच को कोविड—19 संक्रमण के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जा सकता है। जिले की लम्बी सीमा नेपाल से सटी है तथा चीन, श्रीलंका, कोरिया, म्यांमार व जापान सरीखे बौद्ध धर्मावलंबी देशों के तीर्थयात्रियों से गुलजार रहने रहने वाला बौद्ध तीर्थ स्थल श्रावस्ती जिला भी बहराइच से सटा हुआ है। 

corona- India TV Hindi Image Source : PTI प्रतिकात्मक तस्वीर

बहराइच. महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों से हजारों कामगारों के शनिवार और रविवार को बहराइच पहुंचने पर जिले में कोरोना वायरस को लेकर दहशत बढ़ गयी है और इन लोगों को 14 दिन के लिए घरों में पृथक रूप से रहने के निर्देश दिये गये हैं। यूपी रोडवेज के एआरएम इरफान अहमद ने रविवार को बताया कि "ट्रेनों से लखनऊ एवं गोंडा पहुंचे जिले के लोगों को विशेष बसों से मंगाया गया था। इन बसों को शहर के अंदर न लाकर यात्रियों को शहर की सीमा के बाहर ही उतारा गया है।"

बसों से उतरे यात्रियों ने देर शाम संवाददाताओं को बताया कि लखनऊ बस स्टेशन पर अब भी बड़ी संख्या में यात्री मौजूद हैं। वे शहर की सीमा तक तो बसों से पहुंच गये हैं लेकिन आगे गांव तक पहुंचने के लिए उन्हें लम्बी पैदल यात्रा करनी पड़ेगी। बहराइच और श्रावस्ती जिलों के हजारों लोग रोजी-रोटी कमाने के लिए देश के कई भागों में काम कर रहे हैं। महाराष्ट्र में भी बड़ी संख्या में यहां के लोग गये हुए हैं। देर शाम तक जिले के प्रवेश बिंदुओं पर इन कामगारों का तांता लगा रहा।

जिलाधिकारी शम्भू कुमार ने बताया,"जिले में पहुंचे महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के यात्रियों की स्वास्थ्य जांच एवं स्क्रीनिंग के लिए गांवो में स्थानीय स्तर पर टीमों को लगाया गया है। गांवों में ग्राम प्रधानों तथा शहरों तथा कस्बों में सभासदों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद से बाहर से आए लोगों की पहचान करके उन्हें सूचीबद्ध किया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा कि चूंकि लोग लगातार आ रहे हैं इसलिए अभी तक उनकी सही संख्या का आकलन नहीं किया जा सका है। महाराष्ट्र में कोरोना के अधिक प्रकोप के मद्देनजर वहां से आने वालों पर खास ध्यान दिया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया, "ग्राम प्रधानों व स्थानीय सभासदों व जनप्रतिनिधियों की मदद से बाहर से आए लोगों की सूची बनाकर इन्हें 14 दिनों तक घरों में पृथक रूप से रहने को कहा गया है। इनके घरों पर पहुंच कर स्वास्थ्य टीम इनके स्वास्थ्य की जांच करेगी तथा इन्हें व इनके परिजनों को कोविड 19 के प्रति जागरूक करेगी।"

कुमार ने बताया, "नेपाल सीमा पर भी आवागमन न के बराबर है और कड़ी स्वास्थ्य निगरानी में सिर्फ आपातकाल आवागमन ही हो रहा है। आज सीमा के निरीक्षण के दौरान नेपाल के सीमावर्ती जिले के अधिकारियों के साथ मुलाकात कर इस विषय पर गंभीर चर्चा हुई हैं। नेपाली अधिकारी भारतीय समकक्षों के साथ समन्वय बनाकर कोविड 19 से मुकाबला करने के लिए तत्पर हैं। संक्रमित देशों के नागरिकों का नेपाल सीमा से प्रवेश पहले ही बंद कर दिया गया है।"

उल्लेखनीय है कि बहराइच को कोविड—19 संक्रमण के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जा सकता है। जिले की लम्बी सीमा नेपाल से सटी है तथा चीन, श्रीलंका, कोरिया, म्यांमार व जापान सरीखे बौद्ध धर्मावलंबी देशों के तीर्थयात्रियों से गुलजार रहने रहने वाला बौद्ध तीर्थ स्थल श्रावस्ती जिला भी बहराइच से सटा हुआ है। हाल ही में श्रावस्ती में मौजूद सैकड़ों बौद्ध भिक्षुओं तथा धर्मावलंबियों की विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम द्वारा स्क्रीनिंग कर उन्हें वापस उनके देश भेजा गया है। आर्थिक रूप से पिछडा जिला होने के कारण यहां की काफी बडी लोग दूसरे राज्यों में रहकर काम कर रहे हैं।

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