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उत्तर प्रदेश: नदियां उफनायीं, कई जगहों पर मंडरा रहा है बाढ़ का खतरा

जलभरण क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा, यमुना, घाघरा और शारदा समेत कई नदियां उफना गयी हैं जिससे अनेक इलाकों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

Flood- India TV Hindi Image Source : PTI A view of a truck partially submerged in the flood waters of River Ganga in Prayagraj.

लखनऊ। जलभरण क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा, यमुना, घाघरा और शारदा समेत कई नदियां उफना गयी हैं जिससे अनेक इलाकों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

मूसलाधार वर्षा की वजह से नदियां उफान पर

केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में जलभरण क्षेत्रों में मूसलाधार वर्षा की वजह से नदियां उफान पर हैं। गंगा नदी गाजीपुर और बलिया में खतरे के निशान को पार कर गयी है। वहीं, वाराणसी, फाफामऊ (प्रयागराज) और कचलाब्रिज (बदायूं) में इसका जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गया है। रिपोर्ट के अनुसार यमुना नदी हमीरपुर और चिल्लाघाट (बांदा) में, बेतवा नदी सहिजना (हमीरपुर), शारदा नदी पलियाकलां (लखीमपुर खीरी) और घाघरा नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

Image Source : PTIVillagers cross a flooded wooden bridge following heavy monsoon rain in Mirzapur district.

बांदा में 50 गांवों में अलर्ट जारी किया

बांदा के जिलाधिकारी हीरालाल ने बताया कि मध्य प्रदेश में हो रही मूसलाधार बारिश और बरियारपुर व गंगऊ बांध से छोड़े गए लाखों क्यूसिक पानी से केन और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है। दोनों नदियों में आई बाढ़ के पानी से जिले के करीब 50 गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। उपजिलाधिकारियों, तहसीलदारों और राजस्वकर्मियों को बाढ़ चौकियों में राहत और बचाव कार्यों में पूरी मुस्तैदी से जुटे रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन, राजस्व और पुलिस के अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच गए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में थानाध्यक्षों की गश्त बढ़ा दी गयी है और गोताखोरों को भी सतर्क कर दिया गया है।

Image Source : PTIYoungsters swim through the flood waters of River Ganga in Prayagraj.

बैरिया में खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही गंगा

बलिया से मिली सूचना के मुताबिक जिले के बैरिया क्षेत्र में खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रही गंगा ने आज खासी तबाही मचायी। जलस्तर तेजी से बढ़ने का असर जिले के केहरपुर व सुधर छपरा गांव पर पड़ा है। आज सुबह गंगा के कटान से केहरपुर स्थित पानी टंकी देखते ही देखते गंगा में विलीन हो गई। लगभग एक दर्जन मकान भी तेज धारा में बह गए। गंगा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-31 से मात्र 500 मीटर की दूरी पर बह रही है।

Image Source : PTIA view of buildings submerged in flood waters following heavy monsoon rainfall, at Salori area in Prayagraj.

गाजीपुर में दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिरे

गाजीपुर से मिली जानकारी के मुताबिक बांधों से 15 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जिला बाढ़ की चपेट में आ गया है। दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिर गये है। हजारों एकड़ फसल पानी में डूब गयी है। गंगा खतरे के निशान को पार कर गयी है। जिलाधिकारी के.बाला जी ने बताया कि बाढ़ के मद्देनजर जिले में अलर्ट जारी किया गया है। जिलास्तरीय सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर बाढ़ से निपटने में उनकी ड्यूटी लगायी है। उन्होंने बताया कि माता टीला बांध से आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

कानपुर बैराज से 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया

इसके अलावा 4 लाख क्यूसेक पानी कानपुर बैराज से और एक लाख क्यूसेक पानी नरारा बांध से छोड़ा गया है। इस पानी के जिले में आते ही गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। बाढ़ के पानी से गाजीपुर नगर के पूर्वी मोहल्ले तुलसी का पुल, नवाबगंज, शमशान घाट, झिंगुरपट्टी आदि में पानी सड़क पर आ गया। उसी प्रकार गंगा पार जमानियां तहसील के कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गये हैं। गरुआ मकसूदपुर, भागीरथपुर आदि गांवों के जरिये बाढ़ का पानी मुख्य मार्ग तक आ गया है। गंगा नदी में बाढ़ का पानी बढ़ जाने से जिले के गांगी, बेसों, मंगई आदि नदिया उफन कर गांव और फसलें को डुबोने लगी है। रेवतीपुर क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ से घिरे है।

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