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बुंदेलखण्ड को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को लिखा खून से खत

बुंदेलखण्ड को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रविवार को इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर अपने खून से खत लिखा।

Letter written with blood over demand to make Bundelkhand separate state- India TV Hindi Image Source : FILE Letter written with blood over demand to make Bundelkhand separate state

महोबा (उप्र): बुंदेलखण्ड को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रविवार को इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर अपने खून से खत लिखा। अलग बुंदेलखण्ड राज्य की मांग को लेकर 635 दिन तक क्रमिक अनशन करने वाले 'बुंदेली समाज संगठन' के संयोजक तारा पाटकर के नेतृत्व में महोबा शहर के आल्हा चौक में बुंदेली कार्यकर्ताओं ने रविवार को 'एक नवंबर-काला दिवस' का आयोजन किया। 

इस दौरान सभी लोग काला कपड़ा पहने हुए थे और मुंह में काला मास्क भी लगाए थे। पाटकर ने 'भाषा' को बताया कि बुंदेली बाशिंदे बुंदेलखण्ड को अलग राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर अपने खून से यह 10वीं बार खत लिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक नवम्बर 1956 को जब मध्य प्रदेश राज्य का गठन हुआ था, तब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बांटकर भारत के मानचित्र से बुंदेलखण्ड का नामोनिशान मिटा दिया गया, तभी से बुंदेलखण्ड इन दो राज्यों के बीच पिस रहा है। 

आज बुंदेलखण्ड के किसानों के हालात महाराष्ट्र के विदर्भ से भी ज्यादा बुरे हैं। पाटकर ने कहा ''10वीं बार खून से खत लिखकर हमने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी उमा भारती द्वारा किया गया वह वादा याद दिलाया है, जिसमें उमा भारती ने झांसी सीट से चुनाव लड़ते समय कहा था कि यदि केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो बुंदेलखंड़ को अलग राज्य घोषित किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि अगर बुंदेलखंड़ को अलग राज्य नहीं घोषित किया गया तो यहां की भाषा, संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत को बचा पाना बड़ा मुश्किल होगा।

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