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Corona Crisis: मनरेगा बना ग्रामीणों का सहारा, 7 लाख नए लोगों को मिला रोजगार

कोरोना संक्रमण से बुरे हालात के बावजूद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) ग्रामीणों के रोजागर का सहारा बना हुआ है। महज 14 दिनों में सात लाख से ज्यादा लोगों को इससे रोजागर मिला है।

<p>Corona Crisis: मनरेगा बना...- India TV Hindi Image Source : IANS Corona Crisis: मनरेगा बना ग्रामीणों का सहारा, 7 लाख नए लोगों को मिला रोजगार

लखनऊ: कोरोना संक्रमण से बुरे हालात के बावजूद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) ग्रामीणों के रोजागर का सहारा बना हुआ है। महज 14 दिनों में सात लाख से ज्यादा लोगों को इससे रोजागर मिला है। ग्राम विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गत 14 अप्रैल को सूबे के 74 जिलों में 9,51,583 ग्रामीण मनरेगा की विभिन्न योजनाओं में कार्य कर रहे थे, जबकि गत एक अप्रैल को मनरेगा की विभिन्न योजनाओं में कार्य करने वाले ग्रामीणों की संख्या 2,24,106 थी। मात्र 14 दिनों में मनरेगा में कार्य करने वाले ग्रामीणों की संख्या में 7,27,477 का इजाफा हुआ है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि वर्तमान समय में सूबे के ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोग कोरोना से बचने के लिए रोजगार की तलाश में शहर ना आए। ग्रामीणों को उनके गांव में ही सरकार रोजगार मुहैया करायेगी। मुख्यमंत्री की इस मंशा को जानने के बाद अब गांव में जल संरक्षण संबंधी कार्य मनरेगा के तहत कराए जाने लगे हैं। दूसरे राज्यों से आए प्रवासियों को भी ग्राम पंचायतों में तालाब, सड़क, पटरी, नाली आदि की खुदाई के कार्य में रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। सरकार के प्रयास के चलते ही अब हर दिन मनरेगा के तहत कराए जा रहे कार्यो में काम पाने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

इसे लेकर यह कहा जा रहा है कि ग्रामीणों को उनके गांवों के समीप ही रोजगार मुहैया कराने संबंधी प्रदेश सरकार की सोच के चलते मनरेगा में काम पाने वाले ग्रामीणों की संख्या में इजाफा हुआ है। बीते साल भी जब कोरोना का संक्रमण शुरू हुआ था, तब भी मुख्यमंत्री योगी की पहल पर मनरेगा ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराने में सहारा बनी थी।

बीते साल कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बाद बड़ी संख्या में शहरों से गांव पहुंचे मजदूरों को रोजगार देने के लिए योगी सरकार एक योजना लेकर आई थी। इसके तहत तालाब, चेक डैम के निर्माण के साथ नदियों की सफाई का काम बड़े पैमाने पर शुरू कर मजदूरों के लिए रोजगार पैदा किया गया था। तब केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के तहत प्रदेश सरकार ने यह फैसला किया था कि 20 अप्रैल के बाद राज्य में मनरेगा योजनान्तर्गत कन्टेनमेन्ट क्षेत्र के बाहर कई कार्य प्रारम्भ किए जाएंगे। इस संबंध में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा एक आदेश जारी किया गया।

इस आदेश में यह कहा गया था कि कोविड-19 के कारण बड़ी संख्या में शहरों से ग्रामीण परिवारों की वापसी हुई है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य दैनिक रोजगार परक गतिविधियों में संलग्न ग्रामीण परिवारों के समक्ष भी भरण पोषण की समस्या की संभावना उत्पन्न हुई है। ऐसे में शहरों से गांव वापस आये परिवार और गांव में रह रहे लोगों के परिवार यदि मनरेगा योजना के तहत कार्य करना चाहता है, तो उसे तत्काल जॉब कार्ड निर्गत कराया जाएगा।

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