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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बने तो उत्तर प्रदेश के नाम होगी यह खास उपलब्धि

रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बने तो उत्तर प्रदेश के नाम होगी यह खास उपलब्धि

उत्तर प्रदेश ने भारत को कई प्रधानमंत्री दिये हैं, लेकिन यदि रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति निर्वाचित होते हैं तो ऐसा पहली बार होगा जब उत्तर प्रदेश से कोई पूर्णकालिक राष्ट्रपति बनेगा।

Ram Nath Kovind | AP Photo- India TV Hindi Ram Nath Kovind | AP Photo

लखनऊ: उत्तर प्रदेश ने भारत को कई प्रधानमंत्री दिये हैं, लेकिन यदि रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति निर्वाचित होते हैं तो ऐसा पहली बार होगा जब उत्तर प्रदेश से कोई पूर्णकालिक राष्ट्रपति बनेगा। रामनाथ कोविंद इस वक्त बिहार के राज्यपाल है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कोविंद को NDA की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा की।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने प्रदेश के कानपुर देहात निवासी और वरिष्ठ नेता रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया। वैसे तो उत्तर प्रदेश ने देश को 9 प्रधानमंत्री दिए हैं, लेकिन अगर कोविंद चुने गए तो वह इस पद पर चुनाव के जरिए पहुंचने वाले प्रदेश के पहले व्यक्ति होंगे। इससे पहले वर्ष 1969 में उत्तर प्रदेश के मोहम्मद हिदायतउल्ला कार्यकारी राष्ट्रपति बने थे। वह 20 जुलाई 1969 से 24 अगस्त 1969 तक कार्यकारी राष्ट्रपति रहे थे। लखनऊ में 17 दिसम्बर 1905 को जन्मे हिदायतउल्ला, खान बहादुर हाफिज मुहम्मद विलायतउल्ला के खानदान से थे।

राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 17 जुलाई को मतदान होना है। नतीजा 20 जुलाई को घोषित होगा। वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। उत्तर प्रदेश ने अब तक देश को 9 प्रधानमंत्री दिए हैं। इनमें जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चन्द्रशेखर, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेन्द्र मोदी शामिल हैं।

दो बार कार्यकारी राष्ट्रपति रहे हिदायतुल्ला
मोहम्मद हिदायतुल्ला दो बार कार्यकारी राष्ट्रपति रहे। पहली बार वह राष्ट्रपति तब बने जब तत्कालीन राष्ट्रपति जाकिर हुसैन की मौत के बाद क्योंकि तब उपराष्ट्रपति वीवी गिरी ने भी राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के लिए इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रहे मोहम्मद हिदायतुल्ला 20 जुलाई से 24 अगस्त 1969 तक के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति बने थे। इसके बाद वह दोबारा 1 9 82 में कार्यवाहक राष्ट्रपति बने जब तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह इलाज के लिए अमेरिका गए थे। तब उपराष्ट्रपति एम हिदायतुल्ला ने 6 अक्टूबर 1 9 82 से 31 अक्टूबर 1 9 82 तक कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर काम किया।

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