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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश 1902 के बाद पहली बार दुधवा नेशनल पार्क में दिखाई दिया दुर्लभ ऑर्किड का पौधा

1902 के बाद पहली बार दुधवा नेशनल पार्क में दिखाई दिया दुर्लभ ऑर्किड का पौधा

उत्तर प्रदेश के दुधवा नेशनल पार्क में 'लुप्तप्राय प्रजातियों' के श्रेणी में रखा गया एक दुर्लभ ऑर्किड पौधे की किस्म पाई गई है, जिस पर खूबसूरत फूल लगे थे।

Rare Orchid Plant, Rare Orchid Plant India, Rare Orchid Plant Dudhwa National Park- India TV Hindi Image Source : FAZLUR RAHMAN उत्तर प्रदेश के दुधवा नेशनल पार्क में 'लुप्तप्राय प्रजातियों' के श्रेणी में रखा गया एक दुर्लभ ऑर्किड फूल की किस्म पाई गई है।

लखीमपुर: उत्तर प्रदेश के दुधवा नेशनल पार्क में 'लुप्तप्राय प्रजातियों' के श्रेणी में रखा गया एक दुर्लभ ऑर्किड पौधे की किस्म पाई गई है, जिस पर खूबसूरत फूल लगे थे। आमतौर पर ग्राउंड ऑर्किड (युलोफिया ओबटुसा) के रूप में लोकप्रिय इस किस्म को कंवेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन इनडेंजर्ड स्पीसेज (CITES) के तहत 'लुप्तप्राय प्रजाति' के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस खोज की एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि दुधवा या राज्य के किसी अन्य वन क्षेत्र के इतिहास में कभी भी इस ऑर्किड को नहीं देखा गया है।

’30 जून को अचानक मिल गया यह खास पौधा’
करीब 118 साल पहले इंग्लैंड के केव हर्बेरियम ने ऑर्किड का दस्तावेजीकरण किया था। यह प्रजाति पीलीभीत में साल 1902 में आखिरी बार देखी गई थी। दुधवा क्षेत्र के निदेशक संजय पाठक ने कहा, ‘30 जून को मुदित गुप्ता (WWF) और फजलुर-रहमान (कट्रानियाघाट फाउंडेशन) के साथ मैं दुधवा रिजर्व में किशनपुर और सोनारीपुर रेंज में घास का एक सर्वेक्षण कर रहा था, तभी हमने पौधों का एक समूह देखा, जो नाजुक फूलों के गुच्छों के साथ लंबे घास जैसी टहनियों के साथ उगा था। हालांकि पहले ये कभी रिपोर्ट नहीं किए गए थे, तो जिज्ञासावश हमने उन्हें क्लिक किया।’

‘पौधे की पहचान करने में लग गए 3 दिन’
पाठक ने कहा, ‘हमने बाद में पौधे की पहचान करने के लिए पर्यावरणविदों और वनस्पति विज्ञानियों से संपर्क किया। हमने मोहम्मद शरीफ सौरभ से संपर्क किया, जो बांग्लादेश के ढाका में नोर्थ साउथ विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान और प्रबंधन विभाग में काम करते हैं। उन्होंने अपने देश में इससे थोड़े अलग ऑर्किड किस्म का दस्तावेज तैयार किया था।’ उन्होंने कहा कि ऑर्किड और इसके विवरणों की पहचान करने में 3 दिन लग गए और शनिवार को ऑर्किड को दुर्लभ प्रजाति 'युलोफिया ओबटुसा' के रूप में दर्ज किया गया।

फजलुर रहमान ने ही दोबारा खोजा था लाल कुकरी सांप
पाठक ने आगे कहा कि इस ऑर्किड प्रजाति के बारे में कोई प्रमाणित रिकॉर्ड भारत में उपलब्ध नहीं थे, हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में उत्तर भारत और नेपाल में इसकी उपस्थिति का उल्लेख किया गया है। संयोग से फजलुर-रहमान ने ही जुलाई 2012 में दुधवा टाइगर रिजर्व में दुर्लभ लाल कुकरी सांप को फिर से खोजा था। (IANS)

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