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कोरोना का कहर: मजदूरों की घर वापसी से बुंदेलखंड में संक्रमण का खतरा!

दिल्ली, नोएडा, गाजियबाद और गुरुग्राम से हजारों की तादाद में मजदूर कानपुर पहुंच चुके हैं, जो कभी भी बुंदेलखंड़ की सीमा में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे में संक्रमण बढ़ने के खतरे को नकारा नहीं जा सकता।

<p>Migrant workers along with their family members walk to...- India TV Hindi Migrant workers along with their family members walk to their villages, amid a nationwide lockdown in wake of coronavirus pandemic

बांदा: कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश बुधवार से लॉकडाउन है। ऐसे में विभिन्न महानगरों में रहकर बसर करने वाले करीब दस लाख बुंदेली मजदूरों के सामने रोटी-रोजगार का संकट खड़ा हो गया है और वे अब बड़ी संख्या में घर वापसी कर रहे हैं, जिससे बुंदेलखंड़ में कोरोनावायरस के संक्रमण के बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं।

एक अनुमान के अनुसार, करीब दस लाख बुंदेली मजदूर दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे बड़े महानगरों में काफी समय से मजदूरी कर रहे हैं, लेकिन वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बुधवार (25 मार्च) से पूरा देश 'लॉकडाउन' है। यहां का समूचा प्रशासन लॉकडाउन पालन कराने में जुटा है, साथ ही बाहर फंसे लोगों द्वारा फोन या ट्वीट के जरिये सूचना मिलने पर अधिकारी उनके परिवार की मदद भी कर रहे हैं। जिनमें सबसे ज्यादा मशक्कत बांदा डीआईजी को करनी पड़ रही है। हालांकि, अभी तक जो भी मजदूर आए हैं, वे टुकड़ों में आए हैं। अब जो आने वाले हैं, उनकी संख्या हजारों में हैं।

चित्रकूटधाम परिक्षेत्र बांदा के डीआईजी दीपक कुमार ने बताया, "बांदा, महोबा, चित्रकूट और हमीरपुर में टुकड़ों में करीब दस हजार मजदूर आ चुके हैं, जिनको जांच के बाद उनके घरों में क्वारेंटाइन किया जा चुका है और वे लगातार रडार पर हैं।" एक अधिकारी ने बताया, "दिल्ली, नोएडा, गाजियबाद और गुरुग्राम से हजारों की तादाद में मजदूर कानपुर पहुंच चुके हैं, जो कभी भी बुंदेलखंड़ की सीमा में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे में संक्रमण बढ़ने के खतरे को नकारा नहीं जा सकता।"

बड़ी संख्या में महानगरों से आ रहे मजदूरों से कोरोना के खतरे को देखकर बुंदेलखंड के इन चारों जिले का प्रशासन भी सख्त हो गए हैं। बांदा मंडल कमिश्नर गौरव दयाल ने अपनी कार्ययोजना बताते हुए कहा, "हम पूरी बहादुरी से इस आपदा से निपटेंगे और इसके लिए हम कोई बहाना नहीं बना सकते।" कमिश्नर दयाल ने बताया, "हम पैदल व अन्य साधनों से चारों जिलों में आने वाले सभी लोगों की स्क्रीनिंग जिले की सीमा में ही कर रहे हैं। इसके लिए हमने सीमा पर ही कई कोरोना चेकपोस्ट बनाए गए हैं, जहां एक-एक व्यक्ति की जांच हो रही है। हमने वहीं पर उनके रुकने और खाने का भी इंतजाम किया है। बड़ी संख्या में लोगों के आने के बावजूद हम उन्हें अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित कर प्रवेश कराने की व्यवस्था कर रहे हैं।"

दयाल ने कहा, "इसके अलावा सभी का डेटाबेस बनाकर प्रधानों व थानों के माध्यम से ऐसे लोगों पर निगाह रखी जा रही है। हम अपने सारे संसाधन झोंककर इस आपदा से निपटेंगे, इसके लिए हम कोई बहाना नहीं बना सकते।"

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