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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश शिक्षिका की गिरफ्तारी: बेसिक शिक्षा मंत्री को भी नहीं पता, असल गुनहगार पकड़ी गयी या नहीं

शिक्षिका की गिरफ्तारी: बेसिक शिक्षा मंत्री को भी नहीं पता, असल गुनहगार पकड़ी गयी या नहीं

उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तथा विभागीय संलिप्तता नजर आई तो आर्थिक अपराध शाखा जैसी बाहर की एजेंसियों के माध्यम से भी गहन जांच करवाएंगे।

Representational Image- India TV Hindi Image Source : TWITTER/ANI बेसिक शिक्षा मंत्री को भी नहीं पता, असल गुनहगार पकड़ी गयी या नहीं

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के 25 स्कूलों में एक साथ काम करके महज 13 महीने में एक करोड़ रुपए वेतन हासिल करने के सनसनीखेज मामले में हुई एक शिक्षिका की गिरफ्तारी के बाद भी राज्य सरकार इस बात को लेकर निश्चिंत नहीं है कि असल अपराधी को ही पकड़ा गया है या नहीं। राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने रविवार को 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि उन्हें अभी यह नहीं मालूम है कि इस मामले में जो शिक्षिका पकड़ी गई है वही असल अपराधी है या नहीं।

इस सवाल पर कि क्या आपको भी स्पष्ट नहीं है कि मुख्य अपराधी कौन है, द्विवेदी ने कहा "हां बिल्कुल नहीं।" उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तथा विभागीय संलिप्तता नजर आई तो आर्थिक अपराध शाखा जैसी बाहर की एजेंसियों के माध्यम से भी गहन जांच करवाएंगे। द्विवेदी ने कहा, "अब क्या बताएं, अभी तो एक लड़की पकड़ में आई है और जांच पड़ताल जारी है। वास्तव में जो कागज दिख रहा है वह तो अनामिका शुक्ला का है। उसी का दस्तावेज जगह-जगह इस्तेमाल हुआ है। अब वास्तव में वह कौन अनामिका शुक्ला है, वह तो पकड़ में आ नहीं रही है अभी तक।"

बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा, "यह भी हो सकता है कि वह कहीं अपने घर परिवार में हो। कहीं दूसरी नौकरी कर रही हो और उसका डॉक्यूमेंट इस्तेमाल किया गया हो। जब तक असल अनामिका शुक्ला पकड़ में नहीं आती है तब तक पता नहीं चलेगा कि ये सब कौन हैं। अब यह पुलिस की छानबीन का मामला हो गया है।"

मंत्री ने कहा, "अभी जो कासगंज में पकड़ी गई है वह तो अपना नाम अनामिका सिंह बता रही है। हमको कोई पत्रकार बता रहा था कि बागपत के बड़ौत में जहां अनामिका शुक्ला की मूल पोस्टिंग मानी जा रही थी वहां किसी प्रिया जाटव का नाम आ रहा है। ऐसा लग रहा है कि जिसका कागजात मेधावी रहा होगा, उसका जगह जगह इस्तेमाल करके लड़कियों ने नौकरी हासिल की है।"

इस सवाल पर कि क्या एक महिला के नाम पर कई लोग नौकरी कर रहे थे, द्विवेदी ने कहा "हां ऐसा ही लगता है। कहीं पर प्रिया जाटव अनामिका शुक्ला बन गई और कहीं अनामिका सिंह अनामिका शुक्ला बन गई।"

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के 25 कस्तूरबा गांधी स्कूलों में एक ही शिक्षिका द्वारा नौकरी किए जाने और 13 महीने के अंदर लगभग एक करोड़ रुपए वेतन हासिल करने का मामला सामने आने के बाद शनिवार को कासगंज जिले में अनामिका सिंह नामक एक शिक्षिका को गिरफ्तार किया गया था। अनामिका गिरफ्तारी के डर से बीएसए कार्यालय अपना इस्तीफा देने आयी थी । उसी समय पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार आरोपी अनामिका ने पूछताछ में बताया कि वह जनपद फर्रुखाबाद के कायमगंज की रहने वाली है और एक लाख की रिश्वत की बदौलत उसे नौकरी प्राप्त हुई थी।

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