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विवादित ढांचे के विध्वंस की बरसी पर फिर छावनी बनी 'राम की नगरी' अयोध्या

अयोध्या में पीएसी की 7 कंपनी, आरएएफ की दो कंपनी, चार एडिशनल एसपी, 10 डीएसपी, 10 इंस्पेक्टर, 150 सब इंस्पेक्टर और 500 जवानों को सुरक्षा में लगाया गया है।

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नई दिल्ली: अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने की 26वीं बरसी को देखते हुए आज अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इसके साथ ही देशभर की संवेदनशील जगहों पर भी एहतियाती कदम उठाये गये हैं। हिंदू संगठनों ने शौर्य दिवस तो कुछ ने आज काला दिवस मनाने का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश में पुलिस हाई अलर्ट पर है। अयोध्या में खास तौर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। 

पिछले दिनों राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल तेज होने के बाद आज अयोध्या में चौकसी और बढ़ा दी गयी है। अयोध्या के सभी एंट्री प्वाइंट पर बैरिकेडिंग लगाकर सघन तलाशी ली जा रही है। बाहर से आने-जाने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को चेकिंग के दौर से गुजरना पड़ रहा है। घर की छतों पर भी सुरक्षा बलों के जवान मुस्तैद किए गए हैं। लोगों में किसी तरह का कोई डर ना हो इसके लिए बुधवार शाम सुरक्षा बलों ने अयोध्या में फ्लैग मार्च किया। पूरे शहर में धारा 144 लागू है। 

अयोध्या में पीएसी की 7 कंपनी,  आरएएफ की दो कंपनी, चार एडिशनल एसपी, 10 डीएसपी, 10 इंस्पेक्टर, 150 सब इंस्पेक्टर और 500 जवानों को सुरक्षा में लगाया गया है। 6 दिसंबर को देखते हुए प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों ने सुरक्षा की समीक्षा की। प्रशासन ने हर रोज चलने वाले कार्यक्रम के अलावा आज अलग से किसी भी कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी है। असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। अयोध्या के होटल, गेस्ट हाउस, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर भी आने-जाने वालों और ठहरने वालों की निगरानी के आदेश दिए गए हैं।

विश्व हिंदू परिषद ने विवादित ढांचा ढहाए जाने की बरसी पर जहां आज शौर्य दिवस मनाने की घोषणा की है, वहीं हिंदू महासभा ने सरयू किनारे संकल्प दिवस मनाने की घोषणा है। उधर, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने फिर से बाबरी मस्जिद बनाने की मांग करते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर रैली का आयोजन किया है। जिसका कई संगठन और नेता समर्थन कर रहे हैं।

6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद फिलहाल अयोध्या का मसला सुप्रीम कोर्ट में है। हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से जल्द इस मुद्दे का हल निकलेगा। पिछले दिनों विश्व हिंदू परिषद ने धर्म संसद करने के बाद प्रयागराज कुंभ में आगे की रणनीति तय करने का ऐलान किया है। 18 दिसंबर को भी वो गीता जयंती समारोह का आयोजन करने जा रही है। साथ ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे के बाद इस पर सियासत भी गर्म हो गई है।

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