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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश रामचरितमानस विवाद पर नरम पड़ें अखिलेश यादव के तेवर, बोले- रोज सुनता हूं भजन

रामचरितमानस विवाद पर नरम पड़ें अखिलेश यादव के तेवर, बोले- रोज सुनता हूं भजन

इससे पूर्व स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर आपत्ति नहीं जताई थी। माना जा रहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्या को अखिलेश यादव का समर्थन प्राप्त है। आज भी जब मीडिया ने उन्हें घेरा तो अखिलेश ने सीधे तौर पर स्वामी प्रसाद मौर्या पर कुछ भी कमेंट करने से परहेज किया।

Akhilesh yadav remark on Ramcharitmanas controversy - India TV Hindi Image Source : TWITTER/ANI अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए बयान के बाद विवाद बढ़ गया है। इस बयान को लेकर अखिलेश यादव का रुख नरम पड़ रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी भगवान विष्णु के सभी अवतारों को मानती है। लेकिन विपक्ष अगर सवाल करता है तो योगी को उसका जवाब देना चाहिए। सपा सुप्रीमों ने कहा कि रामचरितमानस को किसी को कई शिकायत नहीं है। बता दें कि इससे पूर्व स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर आपत्ति नहीं जताई थी। माना जा रहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्या को अखिलेश यादव का समर्थन प्राप्त है। आज भी जब मीडिया ने उन्हें घेरा तो अखिलेश ने सीधे तौर पर स्वामी प्रसाद मौर्या पर कुछ भी कमेंट करने से परहेज किया।

वोटबैंक पर नजर

ऐसे माना जा रहा है कि वोटबैंक को ध्यान में रखते हुए अखिलेश यादव इस मुद्दे पर खुलकर बोलने से बच रहे हैं। इससे पहले अखिलेश यादव ने सीएम योगी को चुनौती दी थी और कहा था कि रामचरितमानस के जिस चौपाई पर स्वामी प्रसाद मौर्या ने आपत्ति जताई है, उस चौपाई को सीएम योगी आदित्यनाथ सदन में बोलकर दिखाएं। लेकिन रविवार के दिन आगरा और मैनपुरी में एक शादी समारोह में पहुंचे अखिलेश यादव के तेवर और उनका सुर कुछ बदले नजर आए। 

क्या बोले अखिलेश यादव

शादी समारोह में आगरा और मैनपुरी पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा मैं आज भी प्रत्येक दिन सुबह एक घंटा भजन सुनता हूं। योगी जी को तो सारे भजन याद होंगे उन्हें सुनने की ज़रुरत नहीं है, उन्हें भजन सुनने का समय भी नहीं मिलता होगा। रामचरितमानस से किसी को शिकायत नहीं है लेकिन जो गलत है वह गलत है। अखिलेश यादव ने इस दौरान खुद को धार्मिक दिखाने की कोशिश की और प्रत्यक्ष तौर पर स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ कुछ भी बयान नहीं दिया। 

उन्होंने कहा कि सपा सभी धर्मों और उनके भगवानों का सम्मान करती है। लेकिन महाभारत में ऐसा आता है कि शूद्र होने के कारण ही कई योद्धाओं को सम्मान नहीं मिला। इसपर भी विचार जरूरी है। बता दें कि रामचरित मानस की चौपाई 'ढोल-गंवार-शूद्र-पशु-नारी/ ये सब ताड़न के अधिकारी' को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्या ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद से ही रामचरितमानस पर विवाद चल रहा है। 

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