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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश नाबालिग बच्‍ची को किडनैप करने के मामले में ट्यूशन टीचर को 3 साल कैद की सजा, जुर्माना भी लगा

नाबालिग बच्‍ची को किडनैप करने के मामले में ट्यूशन टीचर को 3 साल कैद की सजा, जुर्माना भी लगा

जज ने आरोपी को धारा 376 एवं पॉक्सो अधिनियम के आरोप में संदेह का लाभ देते हुए निर्दोष करार दिया।

Crime News, Court News, Mathura Crime News, Kidnapping Case, Minor Girl Kidnapping- India TV Hindi Image Source : PIXABAY Representational Image.

Highlights

  • 17 साल की पीड़िता के चाचा ने 21 जून 2018 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
  • लड़की 11 जून 2018 की सुबह ट्यूशन टीचर भूपेंद्र के यहां पढ़ने गई थी।
  • पुलिस ने उसे घटना के अगले ही दिन तलाश कर गिरफ्तार कर लिया।

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (POCSO) ने शुक्रवार को नाबालिग बच्‍ची के अपहरण के मामले में ट्यूशन टीचर को 3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा अदालत ने इस मामले में टीचर पर 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामले की पैरवी कर रही स्पेशल कोर्ट की पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अलका शर्मा ने बताया कि यह मामला थाना राया का है जहां 17 साल की पीड़िता के चाचा ने 21 जून 2018 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

‘भतीजी को बहला-फुसलाकर ले गया था’
चाचा द्वारा की गई शिकायत के मुताबिक, उनकी नाबालिग भतीजी 11 जून को सुबह ट्यूशन टीचर भूपेंद्र के यहां पढ़ने गई थी और वह शाम तक जब घर नहीं पहुंची तो पता चला कि भूपेंद्र उसे बहला-फुसला कर कहीं ले गया है। उन्होंने बताया कि उसे गांव के ही प्रताप सिंह व विजय सिंह ने मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले जाते देखा है। भतीजी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने शिक्षक के खिलाफ IPC की धारा 366, 376 एवं पॉक्सो अधिनियम की धारा 3/4 के तहत मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने उसे अगले ही दिन तलाश कर गिरफ्तार कर लिया।

‘ऐसा जूस पिलाया कि मैं बेहोश हो गई’
पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि भूपेंद्र उसे गणित की किताब दिलाने के बहाने से मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले गया था और बिचुपुरी में उसे ऐसा जूस पिलाया, जिससे वह बेहोश हो गई और उसे कुछ ध्यान नहीं रहा। पुलिस ने पॉक्सो कोर्ट में मामले में चार्जशीट दाखिल की। जज ने आज दोनों पक्षों को सुनने एवं उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त को दोषी करार देते हुए अपहरण के मामले में 3 साल के कठोर कारावास और 5 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

‘मेरी बेटी के साथ बुरा काम नहीं हुआ’
उन्होंने बताया कि चूंकि पीड़िता की मां ने यह कहते हुए कि ‘मेरी बेटी के साथ बुरा काम नहीं हुआ है’ मेडिकल नहीं कराने दिया था। यही वजह है कि इस मामले में अभियुक्त पर दुष्कर्म का मामला नहीं बन सका। जज ने उसे धारा 376 एवं पॉक्सो अधिनियम के आरोप में संदेह का लाभ देते हुए निर्दोष करार दिया।

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