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Hindi News एजुकेशन न्‍यूज शिक्षण संस्थान योग को ऑनलाइन पाठ्यक्रम में शामिल करें : उपराष्ट्रपति

शिक्षण संस्थान योग को ऑनलाइन पाठ्यक्रम में शामिल करें : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शिक्षण संस्थाओं से अपने ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम में योग को भी शामिल करने का आग्रह किया है।

<p>Include educational institute Yoga in online course:...- India TV Hindi Image Source : GOOGLE Include educational institute Yoga in online course: Vice President

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शिक्षण संस्थाओं से अपने ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम में योग को भी शामिल करने का आग्रह किया है। विश्व योग दिवस पर रविवार को उन्होंने कहा, "कोविड-19 संक्रमण के दौर में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग एक बेहतरीन साधन है।"उपराष्ट्रपति ने कहा कि योग अखिल मानवता को भारत की अमूल्य भेंट है, जिसने विश्वभर में करोड़ों जिंदगियों को संवारा है। योग तो बचपन से ही सिखाया जाना चाहिए।

आधुनिक जीवन के दबाव और तनाव के कारण युवाओं द्वारा की जा रही आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए, नायडू ने कहा, "ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं बिल्कुल टाली जा सकती हैं। योग ऐसे दबाव, तनाव, अवसाद और चिंता का समाधान करने में सहायक हो सकता है।"

उपराष्ट्रपति ने कहा कि 5000 साल पुरानी योग परंपरा मात्र शारीरिक अभ्यास ही नहीं है, बल्कि यह एक विज्ञान है जो संतुलन, मुद्रा, सौष्ठव, समभाव, शांति तथा समन्वय पर बल देता है। योग के तमाम अंग, जैसे मुद्रा, श्वसन क्रिया का अभ्यास व ध्यान सम्मिलित रूप से मन और शरीर में अनेक प्रकार के सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं।

उन्होंने कहा कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए योग की असीम संभावनाओं पर व्यापक वैज्ञानिक शोध होना चाहिए। अनेक वैज्ञानिक अध्ययनों से प्राप्त प्रमाणों से ज्ञात होता है कि योग अनेक व्याधियों के उपचार में कारगर सिद्ध हुआ है।

लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कोविड संक्रमण के प्रभाव की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, "यद्यपि विश्व इस चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा है, हम इस चुनौती को खुद पर हावी नहीं होने दे सकते। हमें एक होकर सम्मिलित रूप से इस महामारी के विरुद्ध संघर्ष करना होगा और अपना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करना होगा।"

उन्होंने कहा कि सिर्फ यह महामारी ही हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं कर रही है, बल्कि जीवनशैली के कारण भी व्याधियां बढ़ रही हैं। डब्ल्यूएचओ के अध्ययन का जि़क्र करते हुए उन्होंने कहा कि साल 2016 में भारत में हुई कुल मौतों में से 63 प्रतिशत असंक्रामक रोगों के कारण हुई। जीवनशैली के कारण हुई ऐसी व्याधियों के प्रतिकार और उपचार के लिए योग एक सरल और सक्षम प्रणाली है।

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