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हरियाणा में जुर्माने को लेकर निजी स्कूल व शिक्षा बोर्ड आमने सामने

निजी स्कूलों के विरोध के बावजूद हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने माध्यमिक व उच्च माध्यमिक वार्षिक परीक्षा मार्च-2019 एवं वार्षिक परीक्षा मार्च-2020 से सम्बन्धित विद्यालयों को जुर्माना राशि भरने का एक मौका और दिया है।

<p>private schools did not pay the fine school education...- India TV Hindi Image Source : FILE private schools did not pay the fine school education board extends last date

निजी स्कूलों के विरोध के बावजूद हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने माध्यमिक व उच्च माध्यमिक वार्षिक परीक्षा मार्च-2019 एवं वार्षिक परीक्षा मार्च-2020 से सम्बन्धित विद्यालयों को जुर्माना राशि भरने का एक मौका और दिया है। यह जुर्माना राशि पहले पांच जून तक भरी जानी थी लेकिन निजी स्कूलों द्वारा राशि के भुगतान का ऐलान करने के बाद अब बोर्ड ने इस मियाद को 10 जून तक बढ़ा दिया है। बोर्ड ने साफ कर दिया है कि जो निजी स्कूल जुर्माना नहीं भरेंगे उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा साथ ही उनकी मान्यता रद्द करने पर भी विचार किया जा सकता है। इस मामले पर दोनों पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े हैं।

उल्लेखनीय कि बोर्ड ने इन निजी स्कूलों का परिणाम रोकने की धमकी भी दी थी। बोर्ड के अध्यक्ष डॉ.जगबीर सिंह व सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि मार्च-2019 में आयोजित माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक परीक्षा ड्यूटी पर अनुपस्थित रहे पर्यवेक्षकों के निजी विद्यालयों से पांच हजार रुपये जुर्माना राशि जमा करवाई जानी थी। इसके अतिरिक्त माध्यमिक व उच्च माध्यमिक वार्षिक परीक्षा मार्च-2020 के लिए जिन विद्यालयों द्वारा आन्तरिक मूल्यांकन /आन्तरिक एवं बाह्य प्रायोगिक परीक्षा के अंक ऑनलाइन नहीं भरे थें उनसे पांच सौ रुपये प्रति परीक्षार्थी एवं अधिकतम पांच हजार रुपये जुर्माना राशि बोर्ड कार्यालय में जमा करवाने के लिए गत 20 मई से 25 मई तक का समय दिया गया था।

बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि 3300 निजी स्कूलों के अध्यपको की ड्यूटी लगाई गई थी। ऐसे में 800 स्कूलों ने ड्यूटी नहीं दी थी। बोर्ड ने 800 स्कूलों पर जुर्माना लगाया था। 800 में 668 स्कूलों ने जुर्माना दे दिया है। अब 132 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने जुर्माना नहीं दिया है। सिंह ने बताया की ऐसे अब 132 स्कूल बचे है जिन्होंने जुर्माना राशि नहीं भरी हैं और अब इनकपर कार्रवाई करने का विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर तय समय 10 जून तक स्कूल जुर्माना राशि नहीं भरेंगे तो इन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही उनके मान्यता रद्द करने पर विचार किया जाएगा।

वहीं इस मामले में प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रामअवतार शर्मा का कहना है कि वे इस मामले में किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे। एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि प्रदेश भर में सक्रिय सभी निजी स्कूलों के संगठनों को एक मंच पर एकत्रित कर संघर्ष किया जाएगा। आगामी दो-तीन दिन के दौरान भिवानी में प्रदेश स्तरीय बैठक की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश का कोई भी निजी स्कूल न तो जुर्माना भरेगा और जिस स्कूल द्वारा पहले जुर्माना भरा जा चुका है, उसे बोर्ड से वापस जुर्माना राशि दिलवाई जाएगी।

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