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Hindi News एजुकेशन न्‍यूज मनीष सिसोदिया ने शत प्रतिशत बोर्ड रिजल्ट देने वाले 20 शिक्षकों से सचिवालय में मुलाकात की

मनीष सिसोदिया ने शत प्रतिशत बोर्ड रिजल्ट देने वाले 20 शिक्षकों से सचिवालय में मुलाकात की

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को उच्च नामांकन वाले सरकारी स्कूलों के सात विषयों के 20 शिक्षकों से संवाद किया। इसमें ऐसे शिक्षक शामिल थे, जिनके स्टूडेंट्स ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शत प्रतिशत परिणाम हासिल किए हैं।

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नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को उच्च नामांकन वाले सरकारी स्कूलों के सात विषयों के 20 शिक्षकों से संवाद किया। इसमें ऐसे शिक्षक शामिल थे, जिनके स्टूडेंट्स ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शत प्रतिशत परिणाम हासिल किए हैं। ये शिक्षक दिल्ली के नौ जिलों के स्कूलों के थे। शिक्षकों के ²ष्टिकोण और रणनीतियों को समझने और उन्हें बधाई देने के उद्देश्य से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने दिल्ली सचिवालय में 20 शिक्षकों को आमंत्रित किया।

सिसोदिया ने 12वीं की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पढ़ाने में अथक प्रयास और समर्पण के लिए शिक्षकों की सराहना की।मनीष सिसोदिया ने कहा, आने वाले समय में जब भी भावी पीढ़ियां दिल्ली सरकार के स्कूलों के 98 फीसदी के इस ऐतिहासिक स्कोर को देखेंगी, तो आपका नाम जरूर सामने आएगा। आज हमने आपके अनुभवों से सीखने के लिए आपको बुलाया है। बोर्ड परीक्षा में शानदार रिजल्ट के लिए आपकी रणनीति से दूसरे लोग भी सीख सीख सकें।"

शिक्षकों से संवाद के दौरान यह बात सामने आई कि ईएमसी कक्षाओं में माइंडफुलनेस गतिविधियों ने छात्रों में एकाग्रता बनाने में मदद की। इसने कक्षा में शिक्षकों-छात्रों को जोड़ने में मदद की।इस बैठक में शामिल एसकेवी तिमारपुर की अंग्रेजी शिक्षिका पूनम अरोड़ा ने कहा, "छात्रों के लिए अंग्रेजी एक विदेशी भाषा है। पहले इसमें रुचि की कमी होती थी और बच्चों में तनाव दिखता था। लेकिन माइंडफुलनेस ने यह तनाव खत्म करने और उन्हें बेहतर ध्यान केंद्रित करने में मदद की है।"

नरेला स्थित एसकेवी नंबर 1 में रसायनशास्त्र की शिक्षिका शिल्पी ने कहा, "हमारे बच्चों को अब यह बताने में कोई संकोच नहीं होता कि वे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। अब इन हमारे स्कूलों के प्रति सबका नजरिया बदल गया है। इसका श्रेय हमारे उन छात्रों को जाता है, जो लगातार प्राइवेट स्कूल के छात्रों को भी मात दे रहे हैं।"

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