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Hindi News मध्य-प्रदेश IMD Alert: मध्य प्रदेश में तीन दिनों तक होगी झमाझम बारिश, इन जिलों के लिए अलर्ट जारी

IMD Alert: मध्य प्रदेश में तीन दिनों तक होगी झमाझम बारिश, इन जिलों के लिए अलर्ट जारी

मध्य प्रदेश में बारिश का अनुमान जताया गया है। बंगाल की खाड़ी से सिस्टम एक्टिव होने से प्रदेश के कुछ जिलों में भारी बारिश की संभावना है।

बारिश का अलर्ट - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO बारिश का अलर्ट

मध्य प्रदेश में अगले तीन दिनों तक बारिश का अनुमान जताया गया है। मौसम विभाग ने इन 6 जिलों- डिंडोरी, बालाघाट, नर्मदा पुरम, खरगोन, देवास, और बुरहानपुर को लेकर बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक, इन जिलों में अगले तीन दिनों में ऑरेंज अलर्ट यानी भारी से अति भारी वर्षा हो सकती है। वहीं, अगले तीन दिनों में येलो अलर्ट की वजह से 29 से 38 जिलों में माध्यम से भारी वर्षा हो सकती है। 

तीसरे हफ्ते में भी तेज बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बनी चक्रवर्ती हवा का घेरा अगले 24 घंटे में कम दबाव के क्षेत्र में बदल सकता है, जिसके चलते तीन दिनों तक यानी 7 सितंबर तक इसका असर तेज बारिश से लेकर बारिश तक मध्य प्रदेश की अधिकतर हिस्सों में होगी। वहीं, 11 और 12 सितंबर को भी बंगाल की खाड़ी में मंसूरी सिस्टम बनने की उम्मीद है, जिसके चलते अगले हफ्ते और सितंबर के तीसरे हफ्ते में भी तेज बारिश हो सकती है।

बारिश का आंकड़ा घटकर 19% तक हुआ 

बता दें कि मध्य प्रदेश में जुलाई और अगस्त में कम बारिश होने से ओवरऑल बारिश का आंकड़ा घटकर 19% तक आ गया है। यानी प्रदेश में सामान्य से कम बारिश हुई है। इसमें पूर्वी हिस्से में सामान्य से 15% कम और पश्चिमी हिस्से में 22% तक कम बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश नरसिंहपुर में हुई है। प्रदेश के 17 जिले रेड जोन में है। इन स्थानों में 20 से लेकर 46 प्रतिशत तक कम बारिश हुई है। मध्य प्रदेश में इस समय तक औसत रूप से 31.36 इंच बारिश हो जानी चाहिए थी, लेकिन अब तक प्रदेश में सिर्फ 26.07 इंच बारिश ही हो पाई है।

बारिश रुकने के कारण प्रदेश में हाहाकार

ऐसे में अब मौसम विभाग ने एक बार फिर पूर्वानुमान जताकर बताया है कि मंगलवार से नया मौसम तंत्र एक्टिव हो सकता है। यह प्रदेश की कई हिस्सों में बारिश कराएगा। बारिश रुकने के कारण प्रदेश में हाहाकार की स्थिति हो गई है। जहां पानी की उपलब्धता है, वहां किसान सिंचाई करके फसल को पकाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पूरे प्रदेश में बिजली की कटौती भी शुरू हो गई है। ऐसे में किसानों के सिर पर दोहरा संकट आ गया है।