A
Hindi News मध्य-प्रदेश मध्य प्रदेश: भोपाल में बीजेपी विधायक दल की बैठक जारी, कुछ देर में हो सकता है CM का ऐलान

मध्य प्रदेश: भोपाल में बीजेपी विधायक दल की बैठक जारी, कुछ देर में हो सकता है CM का ऐलान

मध्य प्रदेश में चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने अभी तक सीएम के नाम का ऐलान नहीं किया है, लेकिन आज इसकी संभावना प्रबल है। आज बीजेपी विधायक दल की बैठक हो रही है। इसके बाद सीएम के नाम का ऐलान हो सकता है।

भारतीय जनता पार्टी - India TV Hindi Image Source : FILE भारतीय जनता पार्टी

भोपाल: तीन राज्यों में चुनाव जीतने के बाद अब यहां के मुख्यमंत्रियों के नामों का ऐलान हो रहा है। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के आलाकमान ने विष्णुदेव से को राज्य की कमान दी है। अब बारी है मध्य प्रदेश और राजस्थान की। इसमें मध्य प्रदेश के नए मुखिया के नाम का ऐलान आज किया जा सकता है। 

आज हो सकता है नाम का ऐलान 

आज मध्य प्रदेश बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक हो रही है। भोपाल में होने वाली इस बैठक में सीएम पद के नामों पर चर्चा की जा रही है, जिसके बाद नाम का ऐलान संभव है। माना जा रहा है कि विधायकों की राय के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक आलाकमान को नाम भेजेंगे और उसके बाद नाम पर मुहर लग जाएगी। केंद्रीय पर्यवेक्षक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी 'मोर्चा' प्रमुख के. लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा आज राजधानी भोपाल पहुंचे हैं।  

कई नाम हैं दौड़ में शामिल 

सूत्रों के अनुसार, मध्य प्रदेश में बीजेपी डिप्टी सीएम वाली रणनीति आजमा सकती है। बता दें कि मध्य प्रदेश में सीएम पद की दौड़ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, वीडी शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम शामिल है। सीएम किसी एक को ही बनाया जा सकता है लेकिन डिप्टी सीएम को लेकर ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। ऐसे में संगठन यहां भी बड़े चेहरों को संतुष्ट करने के लिए डिप्टी सीएम का फार्मूला अपना सकती है। छत्तीसगढ़ में इस फ़ॉर्मूले के लागू होने की बाद इसकी चर्चा और भी तेज हो गई हैं। 

इस रणनीति पर काम कर रही बीजेपी 

भारतीय जनता पार्टी का आलाकमान राज्य में अगले केवल 5 साल का नहीं सोच रहा है। उसे भरोसा है कि वे आगामी लोकसभा चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे। लेकिन वह यहां के अपने गढ़ को और भी ज्यादा मजबूत और अभेद्य बनाना चाहते हैं। इसलिए संगठन किसी ऐसे चेहरे पर मुहर लगाएगा जोकि अगले 15 सालों तक पार्टी का चेहरा बन सके। इसके अलावा जातिगत और क्षेत्रवार समीकरणों को साधने की भी कवायद की जाएगी, जिससे किसी भी मोर्चे पर पार्टी को निराशा हाथ ना लगे।