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Hindi News महाराष्ट्र मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए लाठीचार्ज, विरोध में सड़क पर टायर जलाकर की गई नारेबाजी; देखें VIDEO

मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए लाठीचार्ज, विरोध में सड़क पर टायर जलाकर की गई नारेबाजी; देखें VIDEO

महाराष्ट्र के जालना में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज हुआ। इसके विरोध में मराठा क्रांति मोर्चा ने हाईवे पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया।

लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन- India TV Hindi लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन

महाराष्ट्र के जालना जिले के अंतरावली में मराठों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में लातूर में सड़क पर टायर जलाकर यातायात रोका गया। मराठा क्रांति मोर्चा की ओर से लातूर जहीराबाद हाईवे पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस मार्ग पर कुछ समय के लिए यातायात बाधित हो गया। सड़क के दोनों किनारे बंद कर आंदोलन शुरू कर दिया गया। इस स्थान पर मराठा समुदाय के आंदोलनकारी युवाओं ने सड़क पर टायर जलाकर नारेबाजी की और यातायात अवरुद्ध कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही लातूर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची।

हिंसा के दौरान पुलिसकर्मी सहित 38 लोग घायल

दरअसल, महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहा प्रदर्शन शुक्रवार को हिंसक हो गया, जिसमें 38 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि अंबाड तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सराथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। ग्रामीणों ने दावा किया कि पुलिस ने हवा में गोलीबारी की, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की। 

आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर थे 

मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार से गांव में भूख हड़ताल कर रहे थे। राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रदान किए गए आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शांति की अपील की और घोषणा की कि हिंसा की उच्च स्तरीय जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी। वहीं, उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि पथराव के कारण पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 

बसों और निजी वाहनों को बनाया गया निशाना

पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को आंदोलन हिंसक हो गया और कुछ लोगों ने राज्य परिवहन की बसों और निजी वाहनों को निशाना बनाया। फडणवीस ने घायल पुलिसकर्मियों की संख्या 12 बताई, जबकि जालना जिले के पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी ने देर रात बताया कि पथराव में 32 पुलिसकर्मी और छह अधिकारी घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को गंभीर चोटें आईं, उनका जालना नगर अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि घायलों में दो पुलिस उपाधीक्षक और पांच महिला पुलिसकर्मी शामिल हैं। 

लाठीचार्ज में 20 प्रदर्शनकारी हुए घायल

पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी ने बताया, "चंदनजीरा पुलिस थाने के वाहन को आग लगा दी गई। पुलिसकर्मियों के निजी वाहन भी जला दिए गए। प्राथमिक सूचना के मुताबिक, राज्य परिवहन की पंद्रह बसों में आग लगा दी गई।" उन्होंने बताया कि शांति बनाए रखने के लिए राज्य रिजर्व पुलिस बल की एक कंपनी और आस-पास के जिलों के पुलिसकर्मियों को क्षेत्र में तैनात किया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि लाठीचार्ज में कम से कम 20 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। 

मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध: सीएम  

वहीं, अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को प्रदर्शनकारियों से बात की थी और उनसे भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने पीछे हटने से इनकार कर दिया था। उन्होंने बताया कि जालना में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया है। एक समाचार चैनल से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी को भी हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने मांग की कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण पर अपना रुख स्पष्ट करे। पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा कि अंतरवाली सारथी गांव में पुलिस की ओर से किया गया लाठीचार्ज अस्वीकार्य है। फडणवीस ने पत्रकारों से कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का घेराव किया जो उनसे बात करने गई थी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन लोगों ने भूख हड़ताल पर बैठे व्यक्ति को घेर लिया और पुलिस को उसे अस्पताल ले जाने से भी रोका।
- आसिफ पटेल की रिपोर्ट के साथ