गणपति पंडाल में साथ आरती कर रहे हिंदू-मुसलमान, चंद्रपुर से कल्याण तक, पंडालों के Video आए सामने
चंद्रपुर से कल्याण तक गणपति पंडाल में सभी धर्मों के लोग नजर आ रहे हैं। बाल गंगाधर तिलक ने 1893 में समाज को एक करने के लिए गणपति पंडालों की शुरुआत की थी और आज भी ये पंडाल समाज को जोड़ने का काम कर रहे हैं।

गणेशोत्सव का पर्व अंतिम चरण में पहुंच गया है। मुंबई सहित महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की धूम मची हुई है। सार्वजनिक पंडालों में विराजे गणपति बप्पा की आराधना में श्रद्धालु डूबे हुए हैं और गणपति पंडाल समाज को एक करने का भी काम कर रहे हैं। बाल गंगाधर तिलक ने 1893 में समाज को एक करने के लिए गणपति पंडालों की शुरुआत की थी और आज भी ये पंडाल समाज को जोड़ने का काम कर रहे हैं। कल्याण का नवयुग मित्र मंडल भी इनमें से एक है, जिसने गणेशोत्सव के दौरान हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल कायम की है। कोलसेवाड़ी का महाराजा के नाम से प्रसिद्ध नवयुग मंडल ने इस साल भी बड़ी भक्तिभाव के साथ गणेश जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की है।
नवयुग मंडल में न केवल हिंदू धर्म के लोग बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी गणेशोत्सव का हिस्सा बन रहे हैं। परिसर के रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग भी गणपति भगवान की आरती में शामिल हुए। हिंदू भाइयों के साथ उन्होंने गणपति बाप्पा की आरती की। और समाज में आपसी भाईचारे का अनोखा संदेश दिया।
चंद्रपुर में सभी धर्मों के लोगों ने की आरती
चंद्रपुर जिले के घुग्घूस में सभी धर्मों के लोगों ने एक साथ आकर भाईचारे का संदेश दिया। जय श्रीराम गणेश मंडल की ओर से आयोजित सर्वधर्मीय महाआरती में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, बौद्ध और ईसाई समाज के नागरिकों ने एकजुट होकर बाप्पा की आरती की। घुग्घूस शहर को मिनी भारत भी कहा जाता है। यहां सभी धर्म के लोग मिलजुल कर रहते हैं। श्रीराम गणेश मंडल की ओर से पिछले 10 वर्षों से महाआरती का आयोजन किया जाता है, जिसमे सभी धर्म के लोग शामिल होते हैं और बाप्पा से अपनी मुराद पूरी करने की कामना करते हैं।
विधायक सुधीर मुनगंटीवार भी हुए शामिल
इस अद्वितीय आयोजन में श्रद्धा, सौहार्द और भाईचारे का अनोखा संगम देखने को मिला। राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री तथा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने भी महाआरती में शामिल होकर बाप्पा की आरती की। इस समय मुनगंटीवार ने कहा कि सर्वधर्मीय महाआरती वास्तव में एकता और भाईचारे का प्रतीक है। समाज के हर वर्ग का ऐसा सहभाग ही भारत की असली ताकत है। भक्ति, सौहार्द और भाईचारे का यह संगम सचमुच अद्वितीय रहा। घुग्घूस की यह सर्वधर्मीय महाआरती आने वाली पीढ़ियों को भी एकता और भाईचारे का संदेश देती रहेगी।
10 साल से हो रहा आयोजन
श्रीराम गणेश मंडल में विराजमान बाप्पा की विशाल मूर्ति भी भक्तों के लिए विशेष आकर्षण साबित हो रही है। महाआरती में शामिल होने और बाप्पा के दर्शन के लिए हजारों भक्त यहां पहुंचते हैं। यह आयोजन श्रीराम गणेश मंडल और विधायक देवराव भोंगडे की ओर से पिछले दस सालों से लगातार किया जा रहा है।
(इनपुट- सुनील शर्मा/मिलिंद दिंन्डेवार)