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Hindi News महाराष्ट्र कोविड-19 को प्राकृतिक आपदा माना जाए, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से किया अनुरोध

कोविड-19 को प्राकृतिक आपदा माना जाए, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से किया अनुरोध

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह कोविड-19 को प्राकृतिक आपदा माने जिससे सरकार राज्य प्राकृतिक आपदा कोष (एसडीआरएफ) का उपयोग प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता देने में करे।

Uddhav Thackeray, Maharashtra Chief Minister- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE Uddhav Thackeray, Maharashtra Chief Minister

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह कोविड-19 को प्राकृतिक आपदा माने जिससे सरकार राज्य प्राकृतिक आपदा कोष (एसडीआरएफ) का उपयोग प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता देने में करे। कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिए महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार से मदद मांगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में उन्‍होंने GST रिटर्न्‍स दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाने, राज्‍य आपदा प्रबंधन बल में केंद्र के हिस्‍से की पहली किश्‍त जारी करने और छोटे उद्योगों के कर्ज की ईएमआई टालने की मांग रखी है।

 

एक सरकारी अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम का गठन केंद्रीय आपदा प्रबंधन कानून के हिस्से के तौर पर किया गया था, इसलिये महामारी प्रभावित लोगों की मदद के लिये एसडीआरएफ के उपयोग को लेकर राज्य को केंद्र सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने केंद्र को बुधवार को यह पत्र मंजूरी के लिये लिखा था। 

फिलहाल बाढ़, आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं, भारी बारिश के जहां जान-माल का नुकसान हुआ हो, प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में आते हैं और प्रभावित लोगों को आर्थिक मुआवजा उपलब्ध कराया जाता है। अधिकारी ने कहा, “मुख्यमंत्री ऐसे ही उद्देश्यों के लिये एसडीआरएफ का इस्तेमाल करना चाहते हैं क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के कारण प्रदेश में हजारों लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है। हमें इसके लिये कानूनी प्रावधान की जरूरत है, इसलिये प्रदेश सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है।” 

प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि बुधवार (14 अप्रैल) को महाराष्ट्र में कोविड-19 के 58952 नए मामले सामने आए हैं जिससे संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 35,78,160 पहुंच गई जबकि 278 और मरीजों के महामारी से जान गंवाने के बाद मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 58,804 हो गया है।

बृहन्मुंबई महानगरपालिका 16 अप्रैल को ऑनलाइन तरीके से स्थायी समिति की बैठक करेगी 

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने गुरुवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि वह अपनी स्थायी कमेटी की बैठक 16 अप्रैल को ऑनलाइन माध्यम से दोपहर 12 बजे आयोजित करेगी। पहले यह बैठक 15 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए होने वाली थी।

हालांकि, वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक आयोजित करने के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गयी। न्यायमूर्ति एस सी गुप्ते और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की पीठ ने कुछ पार्षदों द्वारा वकील जीत गांधी के जरिए दाखिल याचिका को त्वरित सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया। वकील गांधी ने कहा कि बीएमसी ने 12 अप्रैल को घोषणा की थी कि 15 अप्रैल को प्रत्यक्ष तरीके से बैठक होगी। हालांकि 14 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी कर कहा गया कि डिजिटल तरीके से बैठक होगी। 

बीएमसी ने डिजिटल माध्यम से बैठक आयोजित करने के पहले 24 घंटे का नोटिस भी नहीं दिया और कई सदस्य जो कुछ मुद्दों पर चर्चा करना चाहते थे उन्हें अपने जरूरी दस्तावेज स्कैन कराने का समय ही नहीं मिला। वकील गांधी ने बीएमसी को प्रत्यक्ष तरीके से बैठक आयोजित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया। बीएमसी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सखरे ने उच्च न्यायालय से कहा कि कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बाद डिजिटल तरीके से बैठक आयोजित करने का फैसला किया गया। 

इसके बाद अदालत ने बीएमसी से पूछा कि 16 अप्रैल को बैठक करने में क्या कोई दिक्कत है, चूंकि ऐसा करने से याचिकाकर्ताओं को अपने दस्तावेज स्कैन कराने और बैठक में भाग लेने के लिए पर्याप्त समय भी मिल जाएगा। इस पर वकील सखरे ने बीएमसी आयुक्त इकबाल चहल और अन्य हिताधारकों से निर्देश लेकर अदालत को सूचित किया कि महानगरपालिका 16 अप्रैल को दोपहर 12 बजे बैठक आयोजित करने के लिए तैयार है। उच्च न्यायालय ने बीएमसी के बयान को स्वीकार लिया और याचिका का निपटारा कर दिया।