A
Hindi News महाराष्ट्र महाराष्ट्र कैबिनेट का बड़ा फैसला: बांद्रा-वर्सोवा सीलिंक हुआ वीर सावरकर सेतु, ट्रांस हार्बर लिंक का भी बदला नाम

महाराष्ट्र कैबिनेट का बड़ा फैसला: बांद्रा-वर्सोवा सीलिंक हुआ वीर सावरकर सेतु, ट्रांस हार्बर लिंक का भी बदला नाम

महाराष्ट्र कैबिनेट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कैबिनेट ने वर्सोवा बांद्रा सीलिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर सेतु कर दिया है।

Maharahtra cabinet decision- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO महाराष्ट्र कैबिनेट का बड़ा फैसला

महाराष्ट्र: शिंदे सरकार ने वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर सेतु कर दिया है। मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम भी बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति न्हावा शेवा अटल सेतु कर दिया गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पिछले महीने घोषणा की थी कि मुंबई में आगामी बांद्रा-वर्सोवा समुद्री लिंक का नाम हिंदुत्व विचारक दिवंगत वीडी सावरकर के नाम पर रखा जाएगा।

वीर सावरकर वीरता पुरस्कार भी दिया जाएगा

उन्होंने ये भी कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले वीरता पुरस्कार के समान एक राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार का नाम भी स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर रखा जाएगा। 28 मई को सावरकर की जयंती के अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा था, “आगामी बांद्रा-वर्सोवा सीलिंक का नाम स्वातंत्र्यवीर सावरकर के नाम पर रखा जाएगा। केंद्र सरकार के वीरता पुरस्कारों की तर्ज पर, महाराष्ट्र सरकार भी स्वातंत्र्यवीर सावरकर वीरता पुरस्कार भी दिया जाएगा।''

नाम को लेकर विवाद नहीं होना चाहिए

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री फारल मुंगंतीवार ने कहा कि नाम को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए, क्योंकि नाम बदलने का काम देश के दो महान संप्रदायों के नाम पर किया गया है।

विनायक दामोदर सावरकर, या वीर सावरकर, एक हिंदू राष्ट्रवादी नेता और एक फायरब्रांड क्रांतिकारी थे, जबकि अटल बिहार वाजपेयी पूर्व प्रधान मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे। 1910 में, सावरकर को गिरफ्तार कर लिया गया और 1911 में 50 साल की कैद की सजा सुनाई गई। वह 13 साल तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सेलुलर जेल (काला पानी) में बंद रहे। उन्होंने 1921 में 'एसेंशियल्स ऑफ हिंदुत्व' पुस्तक लिखी।

वहीं, अटल बिहारी वाजपेई एक बार नहीं, दो बार नहीं बल्कि तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। अटल बिहारी वाजपेयी 1996 से 2004 के बीच तीन कार्यकालों में भारत के प्रधान मंत्री रहे।