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महाराष्ट्र: बाढ़, भूस्खलन से 82 लोगों की मौत, 59 लोग लापता, रायगढ़ सबसे अधिक प्रभावित

महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के चलते मरने वाले लोगों की संख्या शनिवार को बढ़कर 82 पर पहुंच गई जबकि 59 लोग लापता हैं।

NDRF team carry out rescue work in flood-hit Chiplun in Ratnagiri district of Maharashtra, following- India TV Hindi Image Source : PTI NDRF team carry out rescue work in flood-hit Chiplun in Ratnagiri district of Maharashtra, following heavy monsoon rains.

मुंबई। महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के चलते मरने वाले लोगों की संख्या शनिवार को बढ़कर 82 पर पहुंच गई जबकि 59 लोग लापता हैं। मृतकों में सबसे अधिक रायगढ़ जिले के 47 लोग शामिल हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एक तरफ जहां बाढ़ से प्रभावित चिपलुन, खेड और महाड जैसे शहरों के लोग इस आपदा से उबरने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं, प्रशासन के समक्ष जल एवं बिजली आपूर्ति बहाली के साथ ही प्रभावित इलाकों के लोगों के लिए भोजन और दवाओं का प्रबंध करना चुनौती बना हुआ है।

पुलिस उप महानिरीक्षक (कोंकण) संजय मोहिते ने बताया कि रायगढ़ जिले के तलीये गांव में गुरुवार को हुए भूस्खलन स्थल से कम से कम 41 शव निकाले गए हैं जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को कहा कि अगले 24 घंटों में पश्चिमी तट पर बारिश की तीव्रता कम होने के आसार हैं जिससे वर्षा से प्रभावित महाराष्ट्र और गोवा को राहत मिल सकती है।

वहीं, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में बचाव अभियान को तेज करने के लिए अपनी टीम की संख्या 26 से बढ़ाकर 34 कर दी। ये इलाके भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हैं। सतारा के जिलाधिकारी शेखर सिंह ने कहा कि पाटन तहसील के अंबेघर और ढोकावाले गांव में भूस्खलन स्थल से 13 लोगों के शव निकाले गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि रत्नागिरी जिले में 11, कोल्हापुर में पांच, मुंबई में चार, सिंधुदुर्ग में दो और पुणे में एक व्यक्ति की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि कम से कम 59 लोग लापता हैं जिनमें रायगढ़ में लापता 53 लोग शामिल हैं जबकि 90,604 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उधर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से शनिवार को बात की और राज्य में बारिश एवं बाढ़ के कारण जान-माल के नुकसान पर चिंता जताई। राष्ट्रपति भवन ने कहा कि राज्यपाल ने लोगों की परेशानियां कम करने के लिए किए जा रहे बचाव एवं राहत के कार्यों से राष्ट्रपति को अवगत कराया।

इस बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार पहले ही बाढ़ और भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा कर चुकी है, जबकि केंद्र सरकार ने प्रत्येक को दो-दो लाख रुपये देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इन प्रभावित इलाकों में राशन 'किट' बांटने का फैसला किया है।

उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार कर्नाटक सरकार के समन्वय कर रही है ताकि (अलमट्टी बांध से) पानी छोड़ कर (कोल्हापुर जिले में) लोगों को बाढ़ से राहत दिलाई जा सके। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि भूस्खलन की निरंतर बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को स्थायी रूप से स्थानांतरित करने और उन्हें बसाने की योजना बनाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्र में जल के प्रबंधन के लिए एक विशेष नीति तैयार की जाएगी। इन इलाकों में मानसून के दौरान नदियों के जल स्तर में वृद्धि के कारण बाढ़ आती है। ठाकरे ने कहा, 'ऐसी घटनाओं (भूस्खलन) को देखते हुए पहाड़ी ढलानों और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित कर उन्हें अन्य स्थान पर स्थायी रूप से बसाया जाएगा। ऐसी जगहों से छोटी बस्तियों को स्थानांतरित करने की योजना बनाई जाएगी।'