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महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव: कांग्रेस ने 58 साल बाद RSS के गढ़ में छीन लिया BJP का ताज

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी की सहयोगी पार्टी कांग्रेस के लिए यह दोहरा उत्सव मनाने का समय है।

Maharashtra MLC Elections, Maharashtra MLC Elections BJP, Maharashtra Congress- India TV Hindi Image Source : PTI FILE महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी की सहयोगी पार्टी कांग्रेस के लिए यह दोहरा उत्सव मनाने का समय है।

मुंबई: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी की सहयोगी पार्टी कांग्रेस के लिए यह दोहरा उत्सव मनाने का समय है, क्योंकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने एक सप्ताह पहले कार्यालय में अपना एक साल पूरा कर लिया है और साथ ही कांग्रेस ने विधान परिषद चुनाव में भाजपा के गढ़ रहे नागपुर में बड़ी सफलता हासिल की है। सभी राजनीतिक भविष्यवाणियों को खारिज करते हुए, 58 साल के अंतराल के बाद 47 साल के कांग्रेस के युवा नेता अभिजीत वंजारी ने द्विवार्षिक चुनावों में प्रतिष्ठित नागपुर डिवीजन ग्रेजुएट्स कांस्टीट्यूएंसी सीट हासिल की है, जिसके परिणाम शुक्रवार को घोषित किए गए।

6 में से सिर्फ एक सीट जीत पाई बीजेपी
महा विकास अघाडी (MVA) के साझेदार शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस का इन चुनावों में शानदार प्रदर्शन रहा है। इस सीट से विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार और नागपुर के मेयर संदीप जोशी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। 6 सीटों के लिए एक दिसंबर को हुए द्विवार्षिक चुनावों में MVA ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि BJP को महज एक सीट पर जीत मिली है। एक सीट पर निर्दलीय की जीत हुई है। हालांकि नागपुर डिवीजन की जीत सबसे अधिक मायने रखती है। क्योंकि कांग्रेस ने यहां एक तरह से बीजेपी से उसका ताज छीन लिया है।

RSS का घर है नागपुर, कांग्रेस ने छीना ताज
नागपुर BJP के वैचारिक गुरु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का घर कहा जाता है, जहां उसका मुख्यालय भी है। यहां 58 साल बाद ऐसा हुआ है कि BJP के उम्मीदवार से कांग्रेस ने ताज छीन लिया है। उत्साही नेता माने जाने वाले वंजारी ने MVA भागीदारों, लोगों के समर्थन और खुद की कड़ी मेहनत के प्रयासों से यह सफलता पाई है और उन्होंने 'मिशन असंभव' को संभव कर दिखाया है। इस सीट पर पहले जनसंघ का कब्जा रहा और बाद में BJP के अस्तित्व में आने के बाद यह सीट उसके पास रही। नागपुर से दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के पिता दिवंगत गंगाधरराव फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजनीति में जाने से पहले यहां का प्रतिनिधित्व किया। गडकरी ने तो इस सीट का चार बार (1989 से 2014) प्रतिनिधित्व किया।

पवार ने कहा, सरकार में विश्वास का प्रतिविंब
इन चुनाव परिणामों पर NCP अध्यक्ष शरद पवार ने कहा, ‘तस्वीर ने स्पष्ट रूप से बदल दिया है कांग्रेस ने नागपुर सीट जीत ली है। यह एमवीए सरकार के प्रदर्शन में विश्वास का प्रतिविंब है।’ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने इसे, एमवीए द्वारा किए गए अच्छे कार्यो के लिए लोगों का आशीर्वाद कहा। फडणवीस ने यह माना कि परिणाम उम्मीदों के अनुसार नहीं आए हैं। यहां तक कि भाजपा में राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे जैसे नेताओं ने 'आत्मनिरीक्षण' की बात कही है। फडणवीस ने कहा, "तीन दलों ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा था। हमने उनकी संयुक्त ताकत को देखते हुए कड़ी मेहनत की। मगर हमें आगे और कड़ी मेहनत करनी होगी।"

धुले-नदुरबार की सीट ही जीत पाई बीजेपी
पुणे निर्वाचन क्षेत्र से MVA के उम्मीदवार अरुण लाड ने NDA उम्मीदवार संग्राम देशमुख को बुरी तरह हराया। इसके अलावा, औरंगाबाद डिवीजन के स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में राकांपा के सतीश चव्हाण ने भाजपा के शिरीष बोरालकर को हराकर जीत हासिल की। कांग्रेस के जयंत असगांवकर ने निर्दलीय दत्तराय सावंत को पछाड़ते हुए, 20 साल बाद पुणे टीचर्स कांस्टीट्यूएंसी सीट जीती। वहीं अमरावती डिवीजन टीचर्स कॉन्स्टिट्यूएंसी में एक निर्दलीय किरण सरना ने शिवसेना के श्रीकांत देशपांडे को हराया। धुले-नदुरबार में भाजपा ने जीत हासिल की है। यहां भाजपा के अमरीश पटेल ने जीत हासिल की है।