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महाराष्ट्र: हाईकोर्ट में बीएमसी कमिश्नर ने बोला झूठ, जज ने लगा दी जमकर क्लास

बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज मुंबई बीएमसी कमिश्नर की जमकर क्लास लगाई। आज कोर्ट ने मुंबई व आसपास के म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के अंतर्गत आने वाले सड़कों पर बने खड्डे और खुले मैनहोल को लेकर कोर्ट में पेश होने को कहा गया था।

bombay High Court- India TV Hindi Image Source : PTI बॉम्बे हाईकोर्ट

आज बॉम्बे हाईकोर्ट ने MMRDA रीजन के कुल 6 म्युनिसिपल कमिश्नरों की जमकर क्लास लगाई। बता दें कि इन सभी कमिश्नर्स को मुम्बई और आसपास के म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के तहत आने वाले सड़कों पर बने खड्डे और खुले मैनहोल को लेकर कोर्ट के आदेश की अवमानना करने पर कोर्ट में पेश होने को कहा गया था। कोर्ट ने मुम्बई समेत MMRDA रीजन के कुल 6 म्युनिसिपल कमिश्नरों को कोर्ट की अवमानना के मामले में समन कर बुलाया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने काफी सख्ती दिखाई और खास तौर पर मुम्बई बीएमसी कमिश्नर को जमकर फटकारा।

सभी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को लगी फटकार

आज बॉम्बे हाईकोर्ट में एशिया के सबसे अमीर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल समेत मुम्बई से सटे MMRDA रीजन के 6 म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन- कल्याण डोंबिवली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, मीरा भयंदर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, वसई विरार म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, नवी मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और थाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के कमिश्नर कोर्ट में हाज़िर हुए। साथ ही इन सभी कॉर्पोरेशन के सिक्रेटरी को भी आज कोर्ट तलब किया गया। बता दें कि ये मामला हाईकोर्ट द्वारा 2018 में दिए आदेश का है, जिसमें कोर्ट ने सालभर के अंदर मुम्बई की सड़कों पर बने खड्डे और खुले मैनहोल को बंद करने का आदेश दिया था। जिसका पालन नहीं किया गया। इस पर कोर्ट ने इसे कोर्ट की अवमानना माना और सभी 6 म्युनिसिपल कमिश्नर को तलब किया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने काफी सख्ती दिखाई। बता दें कि मामले की सुनवाई खुद चीफ जस्टिस देवेंद्र उपाध्याय कर रहे थे।

बता दें कि पेशे से वकील और याचिकाकर्ता रुजू ठक्कर ने 3 दिन पहले शहर की खराब सड़कों,पॉटहोल और खुले मैनहोल की मौजूदा स्थिति के तहत पेटिशन फाइल किया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया और कोर्ट ने इसे कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट के तहत BMC समेत सभी 6 म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के कमिश्नर्स को तलब किया।

सेंट्रल ग्रीवेंस सिस्टम बनाने का आदेश

याचिकाकर्ता रुजू ठक्कर ने बताया कि हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस उपाध्याय ने बीएमसी कमिश्नर इकबाल चहल से जवाब मांगा। जज ने सुनवाई के दौरान पूछा कि क्या 5 साल का समय आपके लिए काफी नही है। याचिका में ठाणे के घोड़बंदर रोड पर इसी साल जुलाई में एक बाइक सवार की पॉटहोल में गिरने और फिर मौत का मामले को भी उठाया, जिस पर कोर्ट ने सेंट्रल ग्रीवेंस सिस्टम बनाने का आदेश दिया ताकि पॉटहोल और मैनहोल से जुड़े शिकायत कर रहे लोगों और कोर्ट को सिर्फ एक ही जगह से जवाब मिल सके कि किसके अंतर्गत सड़क का कोई मैनहोल या पॉटहोल आता है।

खुली बीएमसी कमिश्नर के दावे की पोल

रुजू ने बताया कि सुनवाई के दौरान बीएमसी कमिश्नर इकबाल चहल ने कोर्ट को बताया कि ईस्टर्न और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर कोई पॉटहोल नहीं है, जिसपर कोर्ट ने बीएमसी के सभी 24 वार्डों के असिस्टेंट म्युनिसिपल कमिश्नर, याचिकाकर्ता के वकील,बीएमसी इंजीनियर, राज्य सरकार के PWD से सड़कों की जांच रिपोर्ट और ठाणे के घोडबंदर रोड पर खड्डे से जुलाई महीने में हुई मौत की कलेक्टर की जांच रिपोर्ट 29 सितंबर तक जमा करने का आदेश दिया है। रुजू ने आगे कहा कि बीएमसी कमिश्नर इकबाल चहल ने वेस्टर्न और ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे को खड्डा मुक्त होने के दावे की जांच करने हम मुम्बई के सबसे व्यस्त और व्यावसायिक हब अंधेरी पहुंचे तो यहां सारे दावे की पोल खुल गई। वेस्टर्न हाइवे के ठीक नीचे अंधेरी गोण्डावली मेट्रो स्टेशन वाली सड़क पर ही छोटे-बड़े खड्डे भरे पड़े हैं जिसे हमने कोर्ट के सामने रख दिया।

गौर करने वाली बात यह है कि इसी साल अप्रैल महीने में पीएम मोदी ने इस मेट्रो स्टेशन और रोड का उद्घाटन किया थायाचिकाकर्ता रुजू ठक्कर ने बताया कि मुम्बई के लोग बीएमसी और सरकार को टैक्स देते है। सही और गाड़ी चलाने लायक सड़क मिलना यह लोगों का मौलिक अधिकार है। कोर्ट की सख्त रुख से उम्मीद है कि लोगों को सड़कों के खड्डों और मैनहोल से थोड़ी राहत मिलेगी।

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