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महाराष्ट्र में शिवसेना की सियासी लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा-"अनिश्चित काल तक तो इसे नहीं खींच सकते"

महाराष्ट्र में शिवसेना बनाम शिवसेना की सियासी लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है। कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को एक सप्ताह का समय दिया है और कहा है कि इसे अनिश्चितकाल के लिए तो खींच नहीं सकते।

maharashtra politics- India TV Hindi Image Source : FILE PHORO महाराष्ट्र में शिवसेना की सियासी लड़ाई

महाराष्ट्र: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (18 सितंबर) को महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर से कहा कि वह शिवसेना के बीच छिड़ी सियासी जंग को अनिश्चित काल के लिए नहीं खींच सकते। इसे लेकर विधानसभा स्पीकर को सुप्रीम कोर्ट ने अगले हफ्ते तक का समय दिया है और कहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सहयोगी विधायकों की अयोग्यता से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करें और इस सुनवाई में वह मामले के निपटारे की समय सीमा तय करें। सुप्रीम कोर्ट ने 2 हफ्ते बाद मामले को अपने पास सुनवाई के लिए लगाते हुए कहा कि स्पीकर कार्यालय को कहा कि अपनी तरफ से उठाए गए कदमों की जानकारी देनी होगी। कोर्ट ने शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता पर जल्द से जल्द यानी एक हफ्ते में सुनवाई शुरू करने का आदेश विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को दिया है।

सुनील प्रभु ने कहा-जीत उद्धव गुट की ही होगी

उद्धव बालसाहेब ठाकरे गुट के नेता सुनील प्रभु ने बताया कि इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष को जल्द से जल्द निर्णय लेना होगा। हम भी चाहते हैं कि न्याय की प्रक्रिया के तहत न्याय हो, सत्यमेव  जयते यही हमें कहना है। हम नहीं चाहते कि कोर्ट किसी तरह की जल्दबाजी करे लेकिन न्याय एक तय शुदा समय मे होना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष अगर चाहे तो निरंतन सुनवाई कर दो या तीन दिन में इस मामले को खत्म कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से परसों हुई सुनवाई में हमारे  विपक्ष में खड़े लोगो ने यह कहा कि उन्हें अनेक्सर नहीं मिला जिस तरह का टाइम मांगा गया, उस पर हमने कहा था कि वक्त जाया करने का यह बहाना है।

प्रभु ने बताया कि आनेवाले समाय में सारे  कागजात मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय लेना चाहिए और नैसर्गिक न्याय के अनुसार मेरा मनाना है कि शेड्यूल 10 के अनुसार विजय हमारी होगी।अध्य्क्ष महोदय जब भी निर्णय लेंगे यह विधायक जरुर डिस्क्वालिफाई होंगे। बता दें कि उद्धव ठाकरे गुट के नेता सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर की है और इस याचिका में कहा गया है कि कोर्ट के 11 मई के आदेश के बावजूद स्पीकर कार्यालय ने शिंदे कैंप के विधायकों की अयोग्यता पर सुनवाई को तेज नहीं किया है। 

सीजेआई ने कहा-स्पीकर को कोर्ट का सम्मान करना चाहिए

 चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 3 हफ्ते बाद मामले में सुनवाई की बात कही है। उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में चुनाव आयोग का फैसला रद्द करने की मांग की है। शिवसेना विधायकों की अयोग्यता की याचिकाओं पर फैसले में देरी पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ''स्पीकर को सुप्रीम कोर्ट की गरिमा का सम्मान करना चाहिए।''