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Hindi News महाराष्ट्र 7 साल पहले लड़की का पीछा कर की थी छेड़छाड़, सेशन कोर्ट ने माना पॉक्सो एक्ट का दोषी

7 साल पहले लड़की का पीछा कर की थी छेड़छाड़, सेशन कोर्ट ने माना पॉक्सो एक्ट का दोषी

वह शख्स जो उस समय करीब 20 साल का था, उसने साइकिल से उस लड़की का पीछा किया और उसे कई बार 'आजा आजा' कहकर छोड़छाड़ की थी। इस मामले में कोर्ट ने इसे शोषण करार दिया और उस शख्स को पॉक्सो एक्ट के तहत यौन उत्पीड़न का दोषी माना है।

7 साल पहले लड़की का पीछा कर की थी छेड़छाड़, सेशन कोर्ट ने माना पॉक्सो एक्ट का दोषी- India TV Hindi Image Source : FILE 7 साल पहले लड़की का पीछा कर की थी छेड़छाड़, सेशन कोर्ट ने माना पॉक्सो एक्ट का दोषी

Mumbai News: मुंबई में डिंडोशी की एक सेशन कोर्ट ने एक लड़की का पीछा करने और उसे 'आजा आजा' कहने के मामले में एक  शख्स को पॉक्सो एक्ट के तहत यौन शोषण का दोषी ठहराया है। यह घटना सितंबर 2015 में हुई थी। उस समय पीड़िता 15 साल की थी और कक्षा 10वीं में पढ़ाई कर रही थी। कोर्ट में पेश होने पर उसने बताया था कि वह एक दिन फ्रेंच भाषा की ट्यूशन जा रही थी। तब वह शख्स जो उस समय करीब 20 साल का था, उसने साइकिल से उस लड़की का पीछा किया और उसे कई बार 'आजा आजा' कहकर छोड़छाड़ की थी। इस मामले में कोर्ट ने इसे शोषण करार दिया और उस शख्स को पॉक्सो एक्ट के तहत यौन उत्पीड़न का दोषी माना है। 

पास की बिल्डिंग का वॉचमैन निकला छेड़छाड़ करने वाला शख्स

शख्स ने कुछ दिनों तक उस लड़की का पीछा करना जारी रखा। पहले दिन पीड़िता ने सड़क पर ही कुछ लोगों से मदद लेने की कोशिश की और उसका पीछा किया। लेकिन वह साइकिल से भाग निकला। पीड़िता ने इस बात की शिकायत अपने ट्यूशन टीचर और अपने पैरेंट्स से भी की। जल्दी ही उसका पता चल गया। वह शख्स पास की ही बिल्डिंग में वॉचमैन के रूप में काम कर रहा था। उसने इस बारे में अपनी मां को बताया। तब मां ने जाकर उस वॉचमैन के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई।

2015 में हुआ था गिरफ्तार, 2016 में मिली थी जमानत

इस मामले में आरोपी को सितंबर 2015 में गिरफ्तार किया गया था और मार्च 2016 में उसे जमानत मिल गई थी। उसने कोर्ट में रहम की मांग की थी और कोर्ट से कहा था कि उसकी एक पत्नी और तीन साल का बच्चा है और वह काफी गरीब है। तब अतिरिक्त सत्र न्यायधीश एजे खान के आदेश के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था और मार्च 2016 में उसे जमानत मिल गई थी, इसके बीच विचाराधीन अवधि के दौरान की अवधि की सजा सुनाई। 

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