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Hindi News राजस्थान राजस्थान में सरकार बदलते ही ACB की रडार पर आए गहलोत के सबसे ख़ास अधिकारी, इंडिया टीवी के Exclusive दस्तावेज

राजस्थान में सरकार बदलते ही ACB की रडार पर आए गहलोत के सबसे ख़ास अधिकारी, इंडिया टीवी के Exclusive दस्तावेज

राजस्थान में सरकार बदलने के साथ ही आईएएस अफसर अखिल अरोड़ा एसीबी के रडार पर आ गए हैं। डीओआईटी के दफ्तर से मिले गोल्ड और कैश के मामले में उन पर जल्द ही एफआईआर दर्ज हो सकती है। एसीबी ने इसे लेकर सरकार से अनुमति मांगी है।

अशोक गहलोत के साथ...- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO अशोक गहलोत के साथ आईएएस अफसर अखिल अरोड़ा

राजस्थान में सरकार बनने से पहले ही भाजपा एक्शन मूड में आ गई है। राजस्थान में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ सबसे बड़े प्रहार की तैयारी है। खबर है कि अशोक गहलोत के सबसे ख़ास अधिकारी अखिल अरोड़ा अब एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की रडार पर आ गए हैं। इंडिया टीवी को एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है कि सीनियर आईएएस अफसर अरोड़ा से योजना भवन में मिले कैश और गोल्ड मामले में पूछताछ हो सकती है। इसके लिए एसीबी ने अनुमति भी मांगी है। इंडिया टीवी को इस संबंध में सभी दस्तावेज भी मिले हैं।

Image Source : india tvपूछताछ के लिए एसीबी ने सरकार से जांच की अनुमति मांगी

अरोड़ा के खिलाफ केस दर्ज करने की मांगी अनुमति

दरअसल, राजस्थान के योजना भवन में चल रहे डीओआईटी के दफ्तर के लॉकर में मिले करीब 80 लाख के गोल्ड और दो करोड़ कैश का मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है। अब सीनियर आईएएस अखिल अरोड़ा एसीबी के राडार पर आ गए हैं। मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर संख्या 125/2023 को आधार मानकर एसीबी ने अखिल अरोड़ा के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति सरकार से मांगी है। इसे लेकर 6 अक्टूबर को एसीबी के डीजी हेमंत प्रियदर्शी के हस्ताक्षर के साथ एक पत्र डीओपी (कार्मिक विभाग) को भेजा गया था। लेकिन डीओपी इस पत्र को दबाकर बैठ गया।

Image Source : india tvएंटी करप्शन ब्यूरो की चिट्ठी

डीओआईटी के ऑफिस से मिला था गोल्ड और करोड़ों का कैश

गौरतलब है कि गहलोत सरकार में डीओआईटी के ऑफिस के लॉकर में गोल्ड और करोड़ों रुपये का कैश बरामद होने से हड़कंप मच गया था। योजना भवन में डीओआईटी का दफ्तर चलता है। जहां रखी अलमारी से एक किलो सोने के बिस्किट और 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार 500 रुपये का कैश बरामद हुआ था। मुख्य सचिव ऊषा शर्मा और तमाम बड़े अधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी भी दी थी। 

ज्वाइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश ने अपना बताया था गोल्ड और कैश

इसके बाद डीओआईटी के ज्वाइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव सामने आए और उन्होंने स्वीकार किया कि ये सोना और कैश उनका था, जिसे उसने अलग-अलग समय पर रिश्वत में लिया था। मामले में डीओआईटी के तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि, वेदप्रकाश यादव की स्वीकारोक्ति के बाद बिना जांच किए चालान पेश कर दिया था। ऐसे में अब जांच इस आधार पर आगे बढ़ सकती है कि ये गोल्ड और कैश कहां से आया?

DOIT की कंपनी राजकॉम्प पर घोटले की सुई

ज्वाइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव के सामने आने के बाद भाजपा के तत्कालीन राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाया था कि बड़े अफसर को बचाने के लिए सरकार ने छोटे प्यादे को आगे कर दिया है। घोटले की सुई डीओआईटी की कंपनी राजकॉम्प इंफो सर्विस लिमिटेड (आरआईएसएल) पर घूम रही थी। जिसमें शीर्ष से लेकर नीचे तक तैनात अफसर कई साल से यहां जमे हुए थे। वित्त विभाग (जिसके एसीएस भी अखिल अरोड़ा ही हैं) ने एक के बाद एक दर्जनों प्रोजेक्ट डीओआई की कंपनी राजकॉम्प इंफो सर्विस लिमिटेड(आरआईएसएल) के मार्फत करवाए।

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