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Hindi News राजस्थान Rajasthan politics: गहलोत से वफा, कांग्रेस आलाकमान से ज़फा! सोनिया गांधी के नोटिस का अब तक नहीं दिया जवाब

Rajasthan politics: गहलोत से वफा, कांग्रेस आलाकमान से ज़फा! सोनिया गांधी के नोटिस का अब तक नहीं दिया जवाब

राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक हलचल फिलहाल शांत होती दिख रही है। लेकिन गुरुवार से फिर हलचल बढ़ सकती है। क्योंकि अशोक गहलोत के तीन वफादारों, जिसमें दो राज्य मंत्री भी शामिल हैं उनके कारण बताओं नोटिस का समय समाप्त होने वाला है।

Ashok Gehlot- India TV Hindi Image Source : PTI Ashok Gehlot

Highlights

  • गहलोत से वफा, कांग्रेस आलाकमान से ज़फा
  • सोनिया गांधी के नोटिस का अब तक नहीं दिया जवाब
  • जवाब से मचेगा हंगामा

राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक हलचल फिलहाल शांत होती दिख रही है। लेकिन गुरुवार से फिर हलचल बढ़ सकती है। क्योंकि अशोक गहलोत के तीन वफादारों, जिसमें दो राज्य मंत्री भी शामिल हैं उनके कारण बताओं नोटिस का समय समाप्त होने वाला है। कांग्रेस हाईकमान ने 10 दिन में नोटिस का जबाव देने को कहा था, जिसका समय 6 अक्टूबर को खत्म हो रहा है। इन तीनों नेताओं को 25 सितंबर को कांग्रेस पर्यवेक्षकों द्वारा बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक से अलग पार्टी विधायकों की एक अनौपचारिक बैठक आयोजित करने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया था। उन्हें 27 सितंबर को अनुशासनात्मक नोटिस जारी किया गया था।

जवाब से मचेगा हंगामा

ऐसे में इन तीनों नेताओं द्वारा दिए गए जवाब से राजस्थान में फिर से सियासी हलचल मच सकती है। 25 सितंबर को बुलाई गई सीएलपी की बैठक के बहिष्कार के बाद कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने पार्टी विधायकों द्वारा प्रदर्शित अनुशासनहीनता पर आपत्ति जताई थी। बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की और अपने विधायकों द्वारा दिखाई गई घोर अनुशासनहीनता के लिए माफी मांगी। इसके बाद से राजस्थान कांग्रेस में तनावपूर्ण स्थिति शांत होती दिख रही है। 
कांग्रेस ने 27 सितंबर को शहरी विकास एवं आवास मंत्री शांति धारीवाल, जलापूर्ति मंत्री महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

छिन जाएगा मंत्री पद

कांग्रेस ने धारीवाल पर अपने आवास पर पार्टी विधायकों की समानांतर बैठक आयोजित करने का आरोप लगाया था, जबकि जोशी पर मुख्य सचेतक होने के बावजूद सीएलपी की बैठक का बहिष्कार करने का आरोप लगाया गया था। राठौड़ पर विधायकों के लिए रसद की व्यवस्था करने का आरोप था। तीनों को 10 दिनों के भीतर, यानी 6 अक्टूबर तक अपना जवाब देने को कहा गया था।

कहा जा रहा है कि अगर पार्टी सख्त कार्रवाई करने का फैसला करती है, तो धारीवाल और जोशी दोनों के मंत्री पद छीने जा सकते हैं, जो निश्चित रूप से राजस्थान में राजनीतिक तापमान बढ़ाएगा। सूत्रों ने बताया कि नेताओं के जवाब मिलने के बाद राजस्थान को लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कुछ अहम फैसले ले सकता है। इस संबंध में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच चर्चा होने की संभावना है।