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Hindi News धर्म त्योहार Friday Mythology Story: आखिर क्यों मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के दबाती हैं चरण? इसके पीछे छुपा है ये कारण

Friday Mythology Story: आखिर क्यों मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के दबाती हैं चरण? इसके पीछे छुपा है ये कारण

आज का दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी जी की आराधना के लिए शुभ माना जाता है। वहीं लक्ष्मी-नारायण की एक साथ पूजा करना धन के लिहाज से उत्तम माना गया है। तस्वीरों में हम देखते हैं कि भगवान विष्णु के चरणों को मां लक्ष्मी दबाती हैं। आखिर ऐसा क्यों हैं? आज हम आपको एक पौराणिक कथा के अनुसार यह बता रहे हैं।

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Friday Mythology Story: देवी लक्ष्मी धन-संपदा और अनंत सुख-समृद्धियों की देवी हैं। शुक्रवार का दिन यानी आज का दिन इनकी पूजा के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। मां लक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगनी भी हैं। कहते हैं जहां नारायण रहते हैं वहीं साक्षात लक्ष्मी जी भी निवास करती हैं। शास्त्रों में भी यह उल्लेख है कि क्षीर सागर में भगवान नारायण शेषनाग की शय्या पर विराजमान होते हैं और देवी लक्ष्मी उनके चरण समीप उनके पैर दबाती हैं।

लेकिन एक बात सोचने पर मजबूर करती है कि भगवान विष्णु के चरणों को मां लक्ष्मी क्यों दबाती हैं। इस विषय में पौराणिक मान्यताएं हैं, आइए जानते हैं आखिर इसके पीछे का मुख्य कारण क्या है।

मां लक्ष्मी ने बताया श्री हरि के चरण दबाने का रहस्य

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार देवर्षि नारद ने मां लक्ष्मी को भगवान विष्णु के चरण दबाते देखा। तो यह सवाल उनके मन में उठा कि मां लक्ष्मी आखिर प्रभु के चरण क्यों दबा रही हैं? उनका मन यह जानने के लिए व्याकुल हुआ तो उन्होनें मां लक्ष्मी से पूछ लिया। इस पर मां लक्ष्मी जी ने नारद जी के सवाल का उत्तर देते हुए कहा कि ये सारी सृष्टि ग्रहों के अधीन है। फिर वो देवता ही क्यों न हों, मां लक्ष्मी ने आगे बताते हुए कहा कि महिलाओं के हाथों में ग्रहों के गुरु बृहस्पति निवास करते हैं और पुरुषों के चरणों में दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य का वास होता है और जब देव और दानवों को मिलन होता है तो उस जगह समुंद्र मंथन के अमृत समान धन की अपार वर्षा होती है। जिस प्रकार अमृत अनमोल है उसी प्रकार जगत में धन-वैभव भी अनमोल है। बिना इसके संसार में कोई भी चीज अधूरी है। यही कारण है कि शास्त्रों में मां लक्ष्मी को भगवान विष्णु के पैर दबाते हुए दर्शाया गया है।

एक दूसरी कथा भी है प्रचलित

दूसरी कथा के अनुसार यह माना जाता है कि मां लक्ष्मी की बहन ठीक उनके स्वरूप के विपरीत हैं। जहां धन की देवी मां लक्ष्मी भौतिक सुखों का आशीर्वाद देने वाली हैं। वहीं उनकी बहन अलक्ष्मी धन, वैभव और सुखों का हरण करने वाली हैं। अलक्ष्मी अपनी बहन लक्ष्मी जी से ईर्ष्या का भाव रखती हैं और जहां जाती है उस जगह दरिद्रता का आशीर्वाद देती हैं। इसलिए जगत के संचालन के कारण मां लक्ष्मी सदैव विष्णु भगवान के पास बैठकर उनके चरण दबाती हैं और बैकुंठ की शोभा को संभाले रखती हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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